एमपी। इंदौर में इंग्लैंड रिटर्न एक डॉक्टर के साथ जमीन के नाम एक करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी की गई। धोखाधड़ी करने वालों में फर्जी पत्रकार और उसके साथी शामिल हैं जिनमें से फर्जी पत्रकार की गिरफ्तारी हो गई है। यूके से लौटे डॉ. सुदर्शन भंडारी को जमीन खरीदवाने के लिए धीरज ने कई जमीनें दिखाई थीं। अलग जमीन दिखाकर उसने बड़ी राशि अपने साथियों के खातों में जमा करा लिए मगर कोई भी जमीन के सौदे फाइनल नहीं किए। धीरज और उसके साथी प्रापर्टी ब्रोकर व पत्रकार बनकर डॉ. सुदर्शन भंडारी से मिलते रहे थे। सौदे फाइनल करने के नाम पर डॉक्टर से वे एक करोड़ से ज्यादा की राशि अपने साथियों के खाते में ट्रांसफर करा चुके थे।.
डॉक्टर की शिकायत के बाद पुलिस ने पूरे मामले की जांच की तो पता चला कि आरोपी धीरज ने पीड़ित डॉक्टर को पहले अलग-अलग जगह पर बिकाऊ जमीन दिखाने की बात सामने आई। जमीन पसंद आने पर बाद जमीन पर विवाद बताकर सौदा आगे बढ़ाने की जगह उसे खत्म कर देता था। हालांकि इसके एवज में आरोपी धीरज पहले ही एडवांस के तौर पर अलग अलग टूकड़ों में सौदे की रकम को अपने और अपने साधियों के खाते में जमा कर चुका है।
गिरफ्तार आरोपी के पास से फर्जी अनुबंध का दस्तावेज मिला है। इसके अलावा राज्य अधिमान्यता का फर्जी कार्ड भी मिला है जिसकी जांच के लिए पुलिस ने जनसंपर्क विभाग को पत्र लिखा है। धीरज के पास जो अधिमान्य पत्रकार कार्ड मिला है, वह धीरज यादव के नाम का राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार का है। उस कथित पत्रकार ने कार्ड में अपने आपको नईदुनिया संस्थान के मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़़ का कार्यकारी संपादक बताया गया है। बताया जाता है कि धीरज और उसका साथ असहर मंसूरी इसी तरह से और भी कई लोगों के साथ जमीन दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी कर चुका है।