सरकारी जमीन को 23 लाख में बेचा सीमांकन से धोखाधड़ी का खुलासा

Update: 2021-02-11 05:10 GMT

रायपुर (जसेरि)। अवंति विहार में सरकारी जमीन को अपनी बताकर ठग ने 2015 में महिला से सौदा किया और 23 लाख ले लिए। जमीन के सीमांकन के बाद महिला के परिवार वालों को सच्चाई मालूम हुई। अब छह साल बाद आरोपी के खिलाफ ठगी का केस दर्ज किया गया है। पुलिस के अनुसार अवंति विहार में रफी अहमद ने एक जमीन कविता अग्रवाल को दिखाई। उस जमीन के कागज महेश छुगानी के नाम पर थे। आरोपी रफी ने बताया कि उस जमीन का मुख्तारनामा उसके पास है। वही जमीन का सौदा करेगा। जमीन के खसरा नंबर में कांट-छांट थी। इस वजह से उस समय कविता अग्रवाल के परिवार वाले स्थिति समझ नहीं सके। उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्री करवा ली। रजिस्ट्री के समय ही 23 लाख का भुगतान कर दिया। बाद में जमीन का सीमांकन कराए जाने पर कविता अग्रवाल के परिवार वाले हैरत में पड़ गए। सरकारी रिकार्ड में जमीन शासकीय निकली। जमीन का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद पीडि़त परिवार की ओर से रफी अहमद से संपर्क पर पैसे मांगे गए। उसने आजकल कहकर टाल दिया। अब तक वह उन्हें पैसे लौटाने का आश्वासन देता रहा। इस बीच पीडि़त परिवार की ओर से कई बार अपराध दर्ज कराने की कोशिश की गई, लेकिन पुलिस ने एफआईआर नहीं लिखी।

आला अफसरों से शिकायत करने पर उन्होंने जांच के निर्देश दिए। जांच में पता चला कि रफी अहमद ने महेश छुगानी के नाम का फर्जी मुख्तारनामा पेश किया था। वह जमीन शासकीय है। अब उसके खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया गया।

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