राजनांदगांव। हमसे बड़ा और कौन...? हम यानी मैं, मैं यानी अहम...। कुछ ऐसा ही हाल इनदिनों कांग्रेसियों का नजर आ रहा है। यही वजह है कि विधानसभा सीट की दावेदारी के लिए कांग्रेसियों ने थोक में आवेदन किया है। रूलिंग पार्टी इस नवाचार को नेताओं में उत्सुकता का कारण बता रही है। जबकि इस नवाचार से एक बात तो स्पष्ट हो गई है की कांग्रेसियों में गुटबाजी और भितरघात चरम पर है। यही हाल रहा तो आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को काफी नुकसान पहुंच सकता है। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति बनाने छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा का गुरुवार को राजनांदगांव आगमन हुआ। कांग्रेस प्रभारी के स्वागत सत्कार से लेकर सर्किट हाउस में बैठक तक कांग्रेसियों में आपसी गुटबाजी हावी दिखी। हर कोई नेता अपने-अपने तरीके से स्वागत कर श्रेय बटोरने के प्रयास में दिखा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखी भारी अव्यवस्था
कुमारी शैलजा से चर्चा करने के लिए सर्किट हाउस में ही दोपहर को प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस पूरी तरह अवस्थाओं के भेंट चढ़ी रही। पत्रकारों के लिए बैठने के लिए पर्याप्त कुर्सी का भी इंतजाम नहीं किया गया था। नेताओं के कथन के लिए भी माइक और साउंड की कमी रही। ऐसे में पत्रकारों को सामने खड़े रहकर चर्चा करनी पड़ी।
सवालों के जवाब देने से बचती रही प्रभारी
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान विधानसभा चुनाव और कांग्रेसियों की गुटबाजी को लेकर मीडिया कर्मियों ने कई सवाल किए। इनमें से ज्यादातर सवालों का जवाब देने से कुमारी शैलजा बचती रही। ऐसे में पत्रकारों में मायूसी दिखी।
खुज्जी विधायक हमला मामले में बोलने से बचते रहे नेता
कांग्रेसी नेताओं को खुज्जी विधायक हमला मामले की चर्चा करने से बचते देखा गया। जबकि यह मामला काफी गंभीर है। सत्ता पार्टी के एक विधायक के ऊपर सरेआम चाकू चला दिया जाता है और कांग्रेसी उफ तक नहीं करते। इनदिनों चर्चा आम है कि जब सत्ता पार्टी की विधायक ही सुरक्षित नहीं है तो फिर आम जनता की सुरक्षा का क्या होगा...? पुलिस ने इस मामले को लेकर अलग ही कहानी बना दी है। जबकि मामला कांग्रेसियों की आपसी गुटबाजी का परिणाम भी हो सकता है? क्योंकि खुज्जी विधानसभा सीट से दावेदारी के लिए सर्वाधिक आवेदन आए हैं। ऐसे में इस एंगल से जांच करना तो आवश्यक है।