डेढ़ महीने बाद भी कई जिलों में नहीं पहुंची पूरी गाडिय़ां!

छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन में दवा परिवहन का मामला

Update: 2021-06-27 06:03 GMT

बारिश के दिनों में वाहन की कमी से दवा सप्लाई में असर

निविदा की शर्तो के अनुसार स्वयं या अनुबंध की 16 गाडिय़ां होना आवश्यक

दवा परिवहन के लिए आमंत्रित निविदा शर्तो के विरुद्ध गाडिय़ां लगाई गई

ज़ाकिर घुरसेना

रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन (सीजीएमएससी) द्वारा दवा परिवहन के लिए दी गई निविदा में वाहन ठेकेदार द्वारा अभी तक सम्पूर्ण गाडिय़ां नहीं भेजे जाने की खबर मिल रही है। जिस ठेकेदार को दवा परिवहन का काम दिया गया है वह समय बीत जाने के बाद भी वाहन उपलब्ध नहीं करवाया गया जिसके कारण दवा परिवहन का काम प्रभावित हो रहा है। विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली है कि सफल निविदाकार द्वारा निविदा में चाही गई वाहन के बदले दूसरा वाहन दिया जा रहा है। जिन वाहन के दस्तावेज टाइप 1 एवं टाइप 2 बताकर निविदा में लगाया गया था उन वाहनों को कार्य पर नहीं लगाया जा रहा है। विभाग द्वारा इन सब की अनदेखी की जा रही है। निविदाकार को कार्यादेश जारी होने के एक माह के भीतर ही सभी वाहन लगानी थी। कार्यादेश 13 मई 2021 को विभाग द्वारा जारी किया गया था लेकिन कई जिलों में एक भी वाहन नहीं पहुंचने की जानकारी मिल रही है। विभिन्न जिलों के डिपो के सहायक प्रबंधकों से मिली जानकारी के अनुसार कार्यादेश जारी होने के एक माह तक विभिन्न जिलों के डीपो में गाडिय़ां नहीं पहुंची थी।

सीजीएमएससी के सूत्रों ने बताया की अगर कोई ठेकेदार निविदा की शर्तो के मुताबिक वाहन उपलब्ध नहीं कर रहा है तो विभाग इस दशा में निविदाकार को काली सूची में डाल कर ईएमडी की राशि जप्त कर निविदा निरस्त कर सकती है लेकिन अभी तक ऐसा नहीं होना संदेह को जन्म देता है। निविदा की शर्तो में स्पस्ट उल्लेख है कि कार्यादेश जारी होने के एक माह के भीतर सभी जिलों में बंद बॉडी वाहन उपलब्ध करना होगा क्योकि दवाई सप्प्लाई में इस प्रकार के वाहनों की ही जरुरत पड़ती है ताकि दवाइयां पानी से खऱाब न हो, लेकिन दवाइयों की सप्लाई खुले वहां से तिरपाल ढँक कर करवाये जाने की खबर है।

स्वास्थ्य मंत्री से शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं

इस सम्बन्ध में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री से इस सम्बन्ध में लिखित में शिकायत भी की गई है लेकिन दो सप्ताह से अधिक दिन हो गए अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे प्रदेश की कांग्रेस सरकार की बदनामी हो रही है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से इस बात की शिकायत लिखित में की गई है उन्होंने करवाई का आश्वासन भी दिया था लेकिन आज तक कोई करवाई नहीं हो पायी है। गौरतलब है कि सीजीएमएससी लिमिटेड के क्षेत्रीय औषधि गोदामों से दवा परिवहन हेतु वाहनों को लगाने दर अनुबंध हेतु 5 दिसंबर 2020 को निविदा आमंत्रित की गई थी जिसमें कुल 3 निविदाकारों ने भाग लिया था उक्त निविदा में दिनांक 24 फऱवरी 2021 को दावा आपत्ति चाही गई थी जिसके तहत तीनों निविदाकारों को अपात्र घोषित कर दिया बाद में एक निविदाकार को पात्र कर दिया गया। दावा आपत्ती में दूसरे निविदाकारो को मामूली बात पर अपात्र घोषित कर अपने चहेते को निविदा दिए जाने की जानकारी मिली है। जिसमे भारी भ्रस्टाचार किये जाने की आशंका है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अनुभवहीन फर्म को निविदा दी गई है। जबकि निविदा की शर्तो के मुताबिक अनुभवहीन निविदाकार को निविदा में भाग लेने की अनुमति ही नहीं थी। इस ।

दवा सप्लाई पर असर

विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली है कि प्रदेश के कई जिलों में अभी तक ठेकेदार द्वारा वाहन मुहैया नहीं कराया गया है,जिसका असर दवा सप्लाई पर पड़ रहा है। कई जिलों में अभी तक ठेकेदार द्वारा वाहन की व्यवस्था नहीं किए जाने की भी खबर है।

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