रायपुर. छत्तीसगढ़ के दो अधिकारियों के खिलाफ ईओडब्ल्यू से जांच कराने के संबंध में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की चिट्ठी पर राज्य शासन जांच के आदेश दे दिए हैं. सीएम भूपेश बघेल ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि ईडी डायरेक्टर की ओर से हमारे दो अधिकारियों के खिलाफ जांच के लिए जो चिट्ठी मिली थी, उस पर हमने जांच शुरू कर दी है, लेकिन हमने चिटफंड घोटाले और नान घोटाले की जांच के लिए जो चिट्ठी लिखी थी, उसकी जांच कब होगी? डायरी में जो सीएम सर और सीएम मैडम का उल्लेख है, उसके यहां जांच के लिए कब जाएंगे? चिटफंड घोटाले में जो लोग शामिल थे
और जिन लोगों ने रोजगार मेला आयोजित कर प्रमाण पत्र बांटे थे, उनके यहां जांच करने कब जाएंगे? इससे पहले सीएम ने कहा कि ईडी एक साल से जांच कर रही है. एक महीने में 50 छापे डाल दिए. क्या-क्या पाया, यह बताएं. देश के सबसे कड़े कानून के तहत ईडी जांच कर रही है, क्या पाया? जब कुछ नहीं पाए, तब राज्य सरकार को जांच के लिए दे दिया. क्यों दिया? कुछ मिला होता तो राज्य सरकार को देने का सवाल नहीं उठता. फिर भी हमने जांच के आदेश दे दिए हैं.
भाजपा विधायकों की पीएम नरेंद्र मोदी के साथ 5 अप्रैल को होने वाली मीटिंग पर भी सीएम भूपेश ने तंज किया है. उन्होंने कहा कि साढ़े चार साल छत्तीसगढ़ की सुध नहीं ली. अब जब चुनाव आया, तब मिलने जा रहे हैं. इन साढ़े चार सालों में छत्तीसगढ़ के हितों के बारे में कभी भाजपा के लोगों ने चर्चा नहीं की. जब हमारा चावल नहीं लिए थे, तब मैंने कहा था कि दिल्लो चलो, तब नहीं गए. 20 क्विंटल धान खरीदने का फैसला जो छत्तीसगढ़ सरकार ने लिया है, उसे कैसे रोकना है, इसलिए जा रहे हैं. या फिर अभी सामाजिक आर्थिक सर्वे करा रहे हैं, उसके विरोध में जा रहे हैं. या राजभवन में जो आरक्षण बिल अटका है, उसे और कैसे रोका जा सकता है, उसके बारे में चर्चा करने जा रहे हैं?