Entrance Examinations: सिस्टम दुरुस्त करने के लिए एक्सपर्ट कमेटी की हुई पहली मीटिंग
डॉ. के. राधाकृष्णन ने कमेटी की बैठक के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि हमारे लिए पहली चुनौती यह है कि अगले 15 दिनों में अधिक से अधिक छात्रों व उनके अभिभावकों को इस प्रक्रिया में शामिल करें। इससे यह मालूम हो सकेगा एग्जामिनेशन सिस्टम को कैसे दुरुस्त किया जाए। उन्होंने कहा कि एक ऐसे सिस्टम को डेवलप करने की कोशिश है जो पूरी तरीके से टेंपर प्रूफ हो। हमारी कोशिश एक ऐसे रॉबस्ट सिस्टम को भी डेवलप करने की है जिसमें किसी भी प्रकार की त्रुटि की संभावना न हो।
गौरतलब है कि समिति को 2 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपनी है। परीक्षाओं के पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन को सुनिश्चित करने के लिए विशेषज्ञों की इस उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है।इस कमेटी में डॉ. रणदीप गुलेरिया, पूर्व निदेशक, एम्स, प्रोफेसर बी जे राव, कुलपति, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय, प्रोफेसर राममूर्ति के, प्रोफेसर एमेरिटस, सिविल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी मद्रास, पंकज बंसल, सह-संस्थापक, पीपल स्ट्रांग और बोर्ड सदस्य- कर्मयोगी भारत, प्रो.आदित्य मित्तल, डीन स्टूडेंट अफेयर्स, आईआईटी दिल्ली, गोविंद जायसवाल, संयुक्त सचिव, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार इस समिति के सदस्य हैं।
समिति के संदर्भ की शर्तों में परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार, परीक्षा प्रक्रिया का विश्लेषण करना और प्रणाली की दक्षता में सुधार करने और किसी भी संभावित उल्लंघन को रोकने के उपाय सुझाना शामिल है।
एनटीए की मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी)/प्रोटोकॉल की गहन समीक्षा करना और हर स्तर पर अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए निगरानी तंत्र के साथ-साथ इन प्रक्रियाओं/प्रोटोकॉल को मजबूत करने के उपाय सुझाना भी इस कमेटी का उद्देश्य है। शिक्षा मंत्रालय के अनुसार समिति एनटीए की मौजूदा डेटा सुरक्षा प्रक्रियाओं और प्रोटोकॉल का मूल्यांकन करेगी और इसके सुधार के लिए उपायों की सिफारिश करेगी। यह विभिन्न परीक्षाओं के लिए पेपर-सेटिंग और अन्य प्रक्रियाओं से संबंधित मौजूदा सुरक्षा प्रोटोकॉल की भी जांच करेगा और सिस्टम की मजबूती बढ़ाने के लिए सिफारिशें करेगा।