सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन के लिए ठोकर खा रहा इंजीनियर

Update: 2023-10-03 06:04 GMT

पीडब्ल्यूडी के रिटायर्ड इंजीनियर को प्रताड़ित कर रहे आला अफसर

लोक निर्माण विभाग में लालफीता शाही को बोलबाला

राज्यपाल, मुख्यमंत्री विभागीय मंत्री सचिव और ईनएसी को भी न्याय के लिए पत्र लिखा है

रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक निर्माण विभाग में कुछ आला अफसरों का गिरोह एक सेवानिवृत्त इंजीनियर को आत्महत्या करने के लिए प्रेरित कर रहे है. वजह ये है कि उक्त इंजीनियर की जुलाई में सेवानिवृत्ति हो चुकी है लेकिन उसके पेंशन और अन्य देयकों को लालफीताशाही टशन दिखाने के लिए रोक दिया है। पीड़ित इंजीनियर ने सीएम, लोक निर्माण विभाग मंत्री,विभागीय सचिव से देयकों के भुगतान की गुहार लगाई लेकिन किसी ने भी सुनवाई नहीं की। लोक निर्माण विभाग में पदस्थ अफसर स्वयं के उच्च पदों पर पदोन्नति पाने के लिए अपने से ऊपर आला अफसरों के सामने स्वयं को एक मात्र ईमानदार घोषित करने के लिए दूसरे ईमानदार अफसरों और अपने अधिनस्थ निष्ठावान कर्मचारियों के ऊपर झूठी एवं मनगढ़ंत आरोप लगााकर पना कद बढ़ा रहे है। पीड़ित कर्मचारी का पारिवारिक इंजीनियर को देवको की भुगतान की प्रक्रिया को लंबित रख कर पीड़ित इंजीनियर के परिवार को आत्महत्या करने के लिए प्रेरित कर रहे है। जानबूझ कर प्रताड़ित करने की नियत से सेवानिृत्त इंजीनियर को आर्थिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे है।

इस घटना के संदर्भ के अनुसार लोक निर्माण विभाग संभाग क्रमांक 03 अटल नगर नवा रायपुर से सहायक अभियंता सिविल तपन चक्रवर्ती विगत 31 जुलाई 2023 को अपने पद से सेवा निवृत्त हो गए है। उपरोक्त सहायक अभियंता को संवेदनशील विगत 15 सितम्बर 2021 को उप अभियंता पद से सहायक अभियंता के पद पर पदोन्नति देते हुये लोक निर्माण विभाग उप संभाग अभनपुर में भेेजा जहां पहले से पदस्थ अनुविभागीय अधिकारी आर.एस. चौरसिया ने कदाचरण का आरोप लगाकर अपना नंबर बढ़़वा लिया और ट्रांसफर होने के बाद भी अभनपुर उप संभाग से प्रमुख अभियंता के कार्यालय में वापस पहुंच गया। न्यायालय का सम्मान करते हुए उपरोक्त सहायक अभियंता कार्यपालन अभियंता के कार्यालय में संलग्न हुए। अनुविभागीय अधिकारी चौरसिया भी सेवा निवृत्त 30 जून 2022 को हो चुके है लेकिन उस समय जो कदाचरण का आरोप तपन चक्रवर्ती पर लगाया था उसका निराकरण नहीं होने के कारण वहां के अफसर देयकों को भुगतान नहीं कर रहे है। चौरसिया ने साजिश के तहत् मनगढ़ंत एवं झूठे आरोप कार्यपालन अभियंता को लिखित में कर दिया था, जिसका प्रतिलिपि तत्कालीन प्रमुख अभियंता के पास है। तपन चक्रवर्ती ने उचित कार्यवाही हेतु निवेदन किया लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।

चौरसिया के मनगढ़ंत आरोप का प्रकरण कभी मंत्री जी की दरबार तक जाता है, और कभी लोक निर्माण सचिव के दफ्तर के चक्कर काट कर वापस लोक निर्माण विभाग में आ जाता है और मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है।

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