रायपुर। स्वास्थ्य विभाग छत्तीसगढ़ के संचालक महामारी नियंत्रण डॉ सुभाष मिश्रा ने नागरिकों से कहा है कि डेंगू से बचाव एवं रोकथाम के लिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने बचाव, सावधानी और उपचार पर अपने सलाह देते हुए नागरिकों से कहा है कि डेंगू एडीज मछर के काटने से होता है। इसलिए डेंगू से बचाव के लिए हमें मच्छरों से बचाव करना बहुत जरूरी है। इसके लिए लार्वासाइड का इस्तेमाल ,पानी इकट्ठा ना होने देना, घर में और आसपास साफ-सफाई किया जाना आवश्यक है। डाॅ मिश्रा ने बताया कि डेंगू की प्राथमिक लक्षण होने पर ही उसकी जांच हो जाती है जो एंटीजन टेस्ट से किया जाता है। एंटीजन टेस्ट पाॅजीटिव होने के बाद ऐसे व्यक्ति को ऑब्जरवेशन में रखा जाता है ताकि गंभीर लक्षण दिखने पर उसे अस्पताल की सुविधा उपलव्ध कराई जा सके। डेंगू की पुष्टि के लिए एलीजा टेस्ट करवाना बहुत आवश्यक है। एलीजा टेस्ट कन्फर्म होने पर ही इसे डेंगू का प्रकरण माना जाता है।
डेंगू से प्रभावित व्यक्ति को मच्छरदानी के अंदर रहना चाहिए
उन्होंने बताया कि ऐसे व्यक्ति जो वृद्ध हो या छोटे बच्चे, गर्भवती माताएं, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर या इन् बीमारियों से ग्रसित लोगों को अस्पताल में रहकर इलाज कराना चहिये। घर मे रहकर इसका इलाज पांच दिन में सामान्य रूप से ठीक से हो जाता है। जिन व्यक्ति को डेंगू की बीमारी हो जाती है, उन्हें दिन और रात मच्छरदानी के अंदर रहना आवश्यक है ताकि इनको काट करके मच्छर दूसरों को बीमारी न फैला सके।
डेंगू की बीमारी सामान्य रूप से पांच दिन में ठीक हो जाती है
डॉ मिश्रा ने बताया कि डेंगू की बीमारी पांच दिन में ठीक हो जाती है। बहुत डरने की बात नहीं होती किन्तु गंभीर स्थिति आने के समय हमें तुरन्त अपना उपचार करा लेना आवश्यक है। इसके लिए शासन ने निःशुल्क जाँच शिविर और उपचार की व्यवस्था की हुई है। नगर निगम द्वारा साफ-सफाई, लार्वासाइड का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने 30 बिस्तर जिला अस्पताल में तथा आयुर्वेदिक अस्पताल में 10 बिस्तर डेंगू के लिए आरक्षित किया गया है। निजी क्षेत्रों में भी इसकी उपचार की सुविधा है। अलीजा की निःशुल्क जांच की जाती है। डाॅ मिश्रा ने नागरिकों से कहा कि हम सबको मिलकर सावधानी रखनी है और डेंगू से बचाव करना है। समय पर उपचार करके डेंगू को समाप्त करना है।