7 मार्च को हाथियों का दल देवाडॉड बीट के कक्ष क्रंमाक 621 बोदराहीडॉड, चिकनीपहाड़ क्षेत्र में रहा। इसके पूर्व इसी क्षेत्र में 20 सदस्यीय हाथियों का दल लगभग एक सप्ताह से विचरण कर रहा है। जो कोरिया जिले के सरहदी क्षेत्र जो कि कोरबा जिले से लगा हुआ है, उन क्षेत्रों में विचरण कर रहा है। वन विभाग का अमला इस दल पर नजर लगातार बनाये हुए है।
हाथी प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को जंगलों में न जाने, हाथियों से सुरक्षित दूरी बनाये रखने तथा हाथियों से किसी भी प्रकार का छेड़छाड़ नहीं करने की सलाह दी जा रही है। हाथियों के आगमन की सूचना के बाद क्षेत्र के ग्रामीण दहशत में जी रहे है। रात के समय ग्रामीण मशाल जलाकर हाथियों से सुरक्षित रहने जला रहे है। रात्रि मे ग्रामीण जागते हुए अपने घरों में रहते है।
एक ग्रामीण के मकान को क्षति के साथ फसलो को रौंदा
हाथी प्रभावित खडगवां वन परिक्षेत्र अंतर्गत सकड़ा वृत के देवाडॉड बीट क्षेत्र में पहले से ही 20 हाथियों का दल विचरण कर रहा है, वहीं दो दिन से दो दंतैल हाथी का दूसरा दल भी इसी क्षेत्र में पहुंच कर विचरण कर रहा है। दो सदस्यीय दंतैल हाथियों के दल द्वारा क्षेत्र के 1 ग्रामीण के मकान को क्षतिग्रस्त कर दिया, वहीं पांच ग्रामीणों की फसल को रौंदकर नुकसान पहुंचाया है। इसके पूर्व 20 सदस्यीय हाथियों के दल द्वारा एक दर्जन से अधिक किसानों के फसलो को नुकसान पहुंचा चुका है।
डीएफओं व अन्य अधिकारियों ने किया निरीक्षण
कोरिया वनमण्डल अंतर्गत वन परिक्षेत्र खडगवां के हाथी प्रभावित क्षेत्रों का वन मण्डलाधिकारी इमोतेशु आओ, उप वन मण्डलाधिकारी जेनी कुजूर अन्य अधिकारियों के द्वारा दौरा किया। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात वन अमले से अधिकारियों ने मुलाकात कर हाथियों की स्थिति के बारे में जानकारी ली गयी और वन अमले को समझाईस दी गयी कि हाथी व मानव द्वंद को कैसे रोका जाये, साथ ही यह भी निर्देश दिये गये कि कोशिश करे कि हाथियों के दल को रहवासी क्षेत्र में आने से रोकने की पूरी कोशिश हो, साथ ही हाथियों के दल द्वारा किसानों के फसलों का नुकसान एवं संपत्ति नुकान का आंकलन कर तत्काल मुआवजा प्रकरण तैयार कर मुआवजा दिलाने के निर्देश भी दिये।