सरगुजा। सरगुजा के जंगलों में पिछले कई महीनों से भटक रहे प्यारे हाथी को करंट लगाकर मार डाला गया है। इस हाथी को रेस्क्यू सेंटर में रखने के लिए बीते 4 माह से पत्राचार ही चलता रहा। उसका कॉलर आईडी भी नहीं बदला गया था। अब जब उसे किसानों ने मार डाला है, वन विभाग ने पोस्टमार्टम कर चुपचाप उसे दफना दिया है। हाथी की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
उल्लेखनीय है कि कुछ साल पहले 27 हाथियों के दल के साथ प्यारे हाथी भी सरगुजा के जंगलों में विचरण कर रहा था। ज्यादातर समय उसने सरगुजा वनमंडल के जंगलों में बिताया है। कई बार ग्रामीणों से उसकी मुठभेड़ हुई है। दावा है कि बीते 8 साल में उसने दो दर्जन से अधिक लोगों की जान ले ली है। इसके बाद लोकेशन का पता लगाने के लिए उसे कॉलर आईडी लगाई गई थी, लेकिन वह कुछ समय बाद उससे अलग होकर गिर गई। इसके बाद उसे दूसरा कॉलर आईडी लगाने का प्रयास नहीं किया गया।
पिछले कुछ महीनों में प्यारे हाथी के हमले के शिकार ग्रामीणों के अलावा वन विभाग के श्रमिक भी हुए हैं। इसके बाद उसे पकड़कर रेस्क्यू सेंटर में रखने की योजना बनाई गई थी। जानकारी मिली है कि इसके लिए बीते 4 माह से यहां के वन अधिकारी मुख्यालय में पीसीसीसी वाइल्डलाइफ को पत्राचार कर रहे थे। मगर, वहां से कोई जवाब नहीं मिला। आखिरकार एक नाले के पास ग्रामीणों के बिछाये करंट की चपेट में आकर चार दिन पहले सूरजपुर जिले के घुई रेंज के पकनी इलाके में इस हाथी को मार डाला गया।