ग्रामीण को हाथी ने कुचला, मौके पर दर्दनाक मौत

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Update: 2023-06-01 15:10 GMT
जशपुर। पालतू मवेशियों के लिए चारा लेने जंगल गए वृद्ध की हाथी के कुचलने से मौत हो गई। घटना की सूचना पर संसदीय यूडी मिंज, डीएफओ जितेन्द्र उपाध्याय और जशपुर जिला पंचायत उपाध्यक्ष उपेन्द्र यादव घटनास्थल पर पहुंचे। वनविभाग ने प्रभावित परिवार को 50 हजार की तात्कालिक सहायता उपलब्ध कराई है। वहीं इस घटना में वनविभाग के जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर एक बार फिर फोन काल रिसिव न करने का आरोप लगा है।
घटना कुनकुरी वनपरिक्षेत्र के कोटिया जंगल की है। जानकारी के अनुसार घने जंगल के बीच में स्थित ग्राम कोटिया के जंगल में एक दंतैल घूम रहा था। हाथी की उपस्थिति की जानकारी मिलते ही स्थानीय रहवासियों ने गांव में मुनादी कराकर लोगों से जंगल की ओर न जाने की अपील की। लेकिन ग्रामीण रातूराम यादव(60) पिता खोगो राम गुरूवार की तड़के स्वजनों को बिना जानकारी दिए पालतू मवेशियों के लिए पत्ती तोड़ कर लाने के लिए जंगल की ओर चला गया। दोपहर तक बुजुर्ग के वापस घर न लौटने पर बुजुर्ग की खोजबीन शुरू हुई। गांव के कुछ युवाओं द्वारा जंगल में खोजने पर वृद्व रातूराम का कुचला हुआ शव मिला। घटनास्थल पर पहुंचे संसदीय सचिव यूडी मिंज ने बुजुर्ग की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए ग्रामवासियों से अपील किया है कि हाथी की जंगल में मौजूदगी की सूचना मिलने पर जंगल में न जाएं। दिन के समय हाथियों से छेड़छाड़ न करें।
बुजुर्ग की जान लेने वाले दंतैल घटना से पहले कोटिया में एक घर को निशाना बनाया। ग्रामीणों के अनुसार सोमवार की सुबह लगभग 4 बजे दंतैल ने ईमिल लकड़ा के घर को निशाना बनाया। इस समय ईमिल लकड़ा अपने पूरे परिवार के साथ सो रहा था। कच्चे मकान के छप्पर और दीवार को दंतैल तोड़ने लगा। दीवार टूटने की आवाज सुनकर ईमील लकड़ा और ग्रामीणों की नींद खुली और उन्होनें दंतैल को बस्ती से जंगल की ओर खदेड़ा। दंतैल के हमले में ग्रामीण का घर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। दंतैल ने ईमिल के घर की दीवार को तीन ओर से तोड़ दिया है।
कोटिया में दंतैल द्वारा ग्रामीण के घर को क्षतिग्रस्त करने की सूचना पर स्थानीय बीडीसी मेरी कृपा को मिली तो सुबह साढ़े बजे घटनास्थल पहुंच गई। बीडीसी का आरोप है कि घटना की जानकारी देने के लिए उन्होनें वनविभाग के रेंजर और बीटगार्ड को काल किया लेकिन दोनों ने ही उनका काल रिसिव नहीं किया। अंत में उन्होनें जनपद पंचायत सीईओ को काल करके घटना की सूचना दी। वनविभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की इस लापरवाही से ग्रामीणों में नाराजगी है।
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