बिजली कंपनी के अधीक्षण अभियंता-ठेकेदारों पर 125 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप

Update: 2022-08-05 05:59 GMT

भ्रष्टाचार का मास्टरमाइंड अधिक्षण अभियंता डेढ़ महीने पहले हो चुके सेवानिवृत्त, पत्नी वर्तमान में सेवारत

सीएसपीडीसीएल के ठेका कर्मचारियों ने सीएम और ऊर्जा सचिव से शिकायत कर की है जांच की मांग

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीव्यूशन लिमिटेड के फ्यूज आफ काल एवं 33/11 केव्ही उपकेन्द्रों में कार्यरत ठेका कर्मचारियों ने ठेका कंपनियों और अधीक्षण अभीयंता पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। विगत अपैल महीने में ठेका कर्मचारियों ने एक आवेदन मुख्यमंत्री और ऊर्जा सचिव को देकर घोटालों पर संज्ञान लेकर कार्रवाई की मांग की थी। जिस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ठेका कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि उक्त अधीक्षण अभियंता पिछले 13 सालों से एक ही कार्यालय में पदासीन रहते हुए ठेका का संपूर्ण कार्यभार संभाल रहे हैं। उनके संरक्षण में ठेकेदारों द्वारा ठेका कर्मचारियों का फर्जी हस्ताक्षण कर बिल पास करवाने, करोड़ों के भविष्य निधि राशि का घोटाला, वेतन से कटौती व बोनस नहीं देने व राज्य कर्मचारी बीमा राशि का गबन किया गया है जिसकी शिकायत कई बार करने के बाद भी समाधान नहीं हुआ। इतना ही नहीं उक्त अधीक्षण अभियंता द्वारा ठेकेदारों से मिलीभगत कर फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से शासन प्रशासन को धोखा देते हुए कर्मचारियों का राशि का गबन किया जा रहा है।

ठेका कर्मचारियों ने पिछले अप्रैल महीने में दिए गए संयुक्त रूप से हस्ताक्षरित आवेदन में आरोप लगाया है कि मजदूर संघ के माध्यम से 29 अक्टूबर2021 को धरना प्रदर्शन के दौरान उक्त अधीक्षण अभियंता को ज्ञापन सौंपकर ठेकेदारों की घोटालों की शिकायत की गई थी लेकिन उन्होंने इस पर संज्ञान नहीं लिया। उनकी मिलीभगत से अनुमानित 125 करोड़ से भी अधिक की राशि का गबन किया गया है। ठेकेदारों के शोषण से पीडि़त ठेका कर्मचारियों में इससे उपेक्षा का भाव और रोष पैदा हो रहा है।

शिकायत में ठेका कर्मचारियों ने बताया है कि एक ठेका कंपनी ने सत्र 2006 से लेकर 2021 तक अनुमानित 20 करोड़ का घोटाला किया है जिसकी संपूर्ण दस्तावेजों के साथ बिजली प्रबंधन से शिकायत की गई है लेकिन इस पर आज तक कार्रवाई नहीं की गई है, घोटालों के बाद भी उक्त ठेका कंपनी को ठेका प्रक्रिया से भी अलग नहीं किया गया, जबकि कार्यपालक निदेशक द्वारा समस्त अधीक्षण अभियंता को यह स्पष्ट आदेशित किया गया है कि जिस ठेकेदार का प्रदर्शन ठीक नहीं है उसे परफार्मेंस सर्टीफिकेट नहीं देना है। बावजूद उक्त ठेका कंपनी को ठेका प्रक्रियाओं में शामिल किया गया। इसकी निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए।

इसी तरह ठेका कर्मचारियों ने एक अन्य ठेका कंपनी पर कर्मचारियों का भविष्य निधि की राशि गबन करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की गई है शिकायत में कहा गया है कि उक्त ठेका कंपनी ने सत्र 2010-2021 के दौरान ठेका लिया था जिसके द्वारा किसी भी जिले के कर्मचारियों का भविष्य निधि की राशि पूर्ण रुप से प्रदाय नहीं कर 9.5 करोड़ का घोटाला किया गया है, शिकायत के बावजूद उक्त ठेकेदार का देयक पास कर दिया गया। इसकी भी शिकायत अधीक्षण अभियंता से की गई लेकिन मिलीभगत के चलते उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। इसी तरह भोपाल के एक ठेका कंपनी द्वारा कर्मचारियों से सुरक्षा व अन्य सामग्री उपलब्ध कराने के नाम पर 10,000 के हिसाब से अवैध वसूली की गई है। जबकि सुरक्षा व अन्य सामग्री बिजली कंपनी प्रदाय करती है। इसकी भी शिकायत पर आज पर्यन्त कोई कार्रवाई नहीं गई है।

ठेका कर्मचारियों ने शिकायत में बताया है कि प्रदेश में 25 से ज्यादा फ्यूज आफ काल एवं 33/11 केव्ही उपकेन्द्रों के ठेकेदारों द्वारा ईपीएफ की राशि एवं ईएसआईसी की बीमा प्रदाय नहीं किया जा रहा है, फिर भी उनका देयक पास किया जा रहा है, इसकी पड़ताल भविष्य निधि संगठन और राज्य कर्मचारी बीमा कार्यालय से की जा सकती है। ठेका कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि उक्त अधीक्षण अभियंता को तमाम घोटालों की न सिर्फ जानकारी है बल्कि ठेकेदारों की इन घोटालों में उनकी भी मिलीभगत है जिसके चलते कर्मचारियों आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है। इन शिकायतों पर संज्ञान लेकर ठेका कर्मचारियों ने उक्त अधीक्षण अभियंता के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। 

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