सिद्धार्थनगर। बेसिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार व अनियमितता चरण पर है. इसी आरोपों में घिरे परिषदीय विभाग के कनिष्ठ लिपिक आनंद प्रकाश श्रीवास्तव को संयुक्त शिक्षा निदेशक बस्ती मंडल ने निलंबित कर दिया. उन्हें उप निदेशक कार्यालय से अटैच कर दिया है. सहायक निदेशक शिक्षा सप्तम मंडल की जांच रिपोर्ट पर पांच बाबुओं पर हुई कार्रवाई से लिपिक अभी तक बचा था. बाबू के निलंबन के लिए बीएसए राजेंद्र सिंह ने 19 मार्च को जेडी को चिट्ठी लिखी थी.
सिसवा बुजुर्ग निवासी शैलेश कुमार ने 6 जून 2020 को बेसिक शिक्षा विभाग कार्यालय में चल रही गड़बड़ी की शिकायत बेसिक शिक्षा निदेशक, बेसिक शिक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री से की थी. कार्रवाई ना होने पर शिकायतकर्ता ने 16 जुलाई 2020 को दूसरी शिकायती पत्र उच्च अधिकारियों को भेजा था. इसके पश्चात सहायक निदेशक बेसिक शिक्षा सप्तम मंडल गोरखपुर को विभाग ने जांच सौंपी. जांच रिपोर्ट में तत्कालीन संबंध कनिष्ठ सहायक आनंद प्रकाश श्रीवास्तव संबंध सहायक अध्यापक मोहम्मद इमरान अंसारी वरिष्ठ सहायक सुशील कुमार श्रीवास्तव स्टेनो मिथिलेश सिंह एवं तत्कालीन सहायक वित्त एवं लेखा अधिकारी सर्व शिक्षा अभियान चितरंजन त्रिपाठी की गठजोड़ से अवैध नियम विरुद्ध नियुक्तियां वेतन भुगतान व संबंधित करें की शिकायत की जांच में पुष्टि हुई.
इस मामले में तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ सूर्यकांत त्रिपाठी भी दोषी पाए गए 9 मार्च को संयुक्त सचिव राजेंद्र सिंह ने महा निदेशक स्कूल शिक्षा को पत्र भेजकर कार्रवाई का निर्देश दिया था. छुट्टी मिलते ही बेसिक शिक्षा अधिकारी ने चार बाबू को निलंबित कर दिया था. वैसे ने 19 मार्च को संयुक्त सचिव के पत्र का हवाला देते हुए जेडी को पत्र लिखकर कार्रवाई का अनुरोध किया था. इस संबंध में जेडी मनोज कुमार द्विवेदी ने बताया कि कनिष्ठ लिपिक आनंद प्रकाश श्रीवास्तव जीजीआईसी बांसी में तैनात है. बीएसए कार्यालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी थी शासन से आई चिट्ठी के बाद बीएसए ने पत्र भेजकर मामले से अवगत कराया है. लिपिक को डायरेक्टर कार्यालय से अटैच कर दिया गया.