ज़ाकिर घुरसेना/ कैलाश यादव
केंद्रीय एजेंसियां प्रवर्तन निदेशालय-ईडी और आयकर विभाग-आईटी बयान लेने के लिए अफसरों-कारोबारियों को मुर्गा बनाकर पीट रही हैं। उनकी पिटाई से कई लोगों की हड्डी टूट गई है। कई लोगों को सुनाई देना बंद हो गया है। इसकी शिकायत राज्य सरकार तक पहुंची है। मुख्यमंत्री भूपेश ने इन शिकायतों पर नाराजगी जताते हुए केंद्रीय एजेंसियों को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, विधिक ढंग से जांच में हमारा पूर्ण सहयोग रहेगा। लेकिन ऐसी शिकायतें हमें आगे भी प्राप्त होंगी, तो राज्य की पुलिस विधिक रूप से कार्रवाई हेतु विवश होगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर लिखा, केंद्रीय एजेंसियां देश के नागरिकों की ताकत होती हैं। यदि इन ताकतों से नागरिक डरने लगें तो निश्चित ही यह नकारात्मक शक्ति देश को कमजोर करती है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि ईडी और आईटी ने छत्तीसगढ़ के अधिकारियों और कारोबारियों को कड़कनाथ बना दिया है। जो जेल में रहकर ईडी और आईटी के कहने पर बांग दे रहे है, वो सुबह नहीं आ रही जिसका मुर्गे इंतजार कर रहे है। कौन किसकी खैर मनाए हम तो मांगे सबकी खैर, न काहू से दोस्ती न काहू से बैर। जेल की सुबह और मुर्गे की बांग का पुराना याराना है। इसमें ज्यादा सोचने समझने की जरूरत नहीं है। यहां तो मौका ए दस्तूर काम करता है।
खडग़े ने खड़का दिया
गुजरात चुनाव हो या कोई और, कांग्रेस का कोई न कोई नेता भारतीय जनता पार्टी या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोई न कोई मुद्दा दे ही देता है। पहले मणिशंकर अय्यर थे, अब मल्लिकार्जुन खडग़े हैं। खडग़े ने मोदी को रावण कह दिया। भाजपा वाले इस मुद्दे को ले उड़े। उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया। खडग़े को बहाना बनाकर भाजपा ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर भी बयानों का हमला बोल दिया। यही नहीं, मोदी को रावण कहकर कांग्रेस और उसके अध्यक्ष ने इस देश और गुजरात की जनता का भी अपमान किया है, बात यहाँ तक पहुँच गई। जाने क्यों खडग़े साहब को यह पता ही नहीं चला कि वे मोदी के खिलाफ बोल रहे हैं या अपनी ही पार्टी के विरोध में! जनता में खुसुर-फुसुर है कि खडग़े जी कांग्रेस अध्यक्ष बनते ही फ्रंट लाउन में बड़ी लकीर खींचने के चक्कर में अपनी ही पार्टी में महाभारत सीरियल तो नहीं लिख रहे है।
भाग्य के साथ कर्म दोनों जरूरी
वैदिक ज्योतिष सम्मेलन में स्वामी राजेश्वरानंद ने कहा कि ज्योतिष हमारी आंखें हैं और अगर सही रूप से इसका मार्गदर्शन लिया जाए तो निश्चित ही हमारे कार्य की गति अच्छी होती है। ग्रह नक्षत्रों की वास्तविक स्थिति का ज्ञान होने पर राजनैतिक, व्यापारिक, धार्मिक, व्यक्तिगत जानकारी मिल सकती है। समस्याओं को सुलझाना और सफलता पाने के लिए भाग्य के साथ कर्म दोनों जरूरी है। हाथ पर हाथ धरकर बैठने वालों को सफलता नहीं मिलती। ज्योतिष शास्त्र हमें समस्याओं को दूर करने का उपाय बताता है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि छत्तीसगढ़ में सरकार से बड़ा कोई ज्योतिष नहीं है जो गांव-गरीब-किसानों और बेरोजगारों के लिए बिना मांगे ही दूरदृष्टि से ज्योतिष नजरिए से देखकर धान बोनस, भूमिहीन किसान मजदूरों के लिए राजीव गांधी न्याय योजना और नरवा,गरवा, घुरवा, बाड़ी के साथ गांव में रोजगार मुहैय्या कराकर अपने कर्म और भाग्य को बुलंद कर लिया है।
फार्मासिस्टों के फर्जी पंजीयन करने वालों पर लटकी तलवार
छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल में फार्मासिस्टों के फर्जी पंजीयन की काउंसिल में फर्जीवाड़े की घटना के बाद दो बड़ी बैठकें हो चुकी है। लेकिन जांच विभाग ने जांच समिति अब तक गठित नहीं की है। काउंसिल के कुछ सदस्यों ने पूरे प्रकरण में एफआइआर कराने कहा है। यदि विभाग इस पर तैयार नहीं होता है तो काउंसिल के सदस्य पूरे प्रकरण में पुलिस के हस्तक्षेप की मांग करेंगे। बता दें काउंसिल में फर्जीवाड़े को लेकर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने चिंता जाहिर की थी, वहीं विभागीय जांच के निर्देश दिए थे। अब काउंसिल पल्ला झाड़ते नजर आ रहे है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि बाबा की चिंता को कोई गंभीरता नहीं लेता इसलिए चिकित्सा विभाग में मनमानी का दौर चल रहा है। इनका बस चले तो वो फर्जी फार्मासिस्ट क्या नकली डाक्टरों को भी अपाइंटमेंट दे दे ।
ब्रम्हानंद की मुश्किलें नहीं हो रही कम
भानुप्रतापपुर उपचुनाव में नया मोड़ आया है। भाजपा वाले ही चुनावी भाषणों में ब्रम्हानंद नेताम के मामले को कुरेद-कुरेद कर उसे अपराधी सिद्ध करने में तुले हुए है। एक तरफ सरकार को चैलेंज कर दिया और दूसरी तरफ झारखंड पुलिस के आते ही हायतौबा मचा रहे है। झारखंड के टेल्को थाने की पुलिस भाजपा उम्मीदवार ब्रह्मानंद नेताम की गिरफ्तारी के लिए सीधे कांकेर जिला मुख्यालय पहुंची है। नेताम के खिलाफ गैंगरेप का दुष्कर्म का मामला दर्ज है। कांकेर के पुलिस सूत्रों ने बताया कि डीएसपी के नेतृत्व में 8 अफसरों की टीम वहां पहुंची है। कांकेर थाने में आमद देकर सभी लोग कांकेर टीआई शरद दुबे के साथ इनोवा कार में निकल गए। नेताम चारामा में रहते हैं। लेकिन चुनाव प्रचार के लिए घूम रहे हैं कांकेर पुलिस लोकेशन ट्रेस कर वहां जाकर गिरफ्तार कर सकती है। समझा जा रहा है गिरफ्तारी को लेकर बड़ी पॉलिटिकल गहमागहमी रहेगी। इस संबंध में चुनाव संचालक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि हम हजारों आदिवासी युवाओं के साथ शान से गिरफ्तारी देंगे। क्योंकि यह कांग्रेस के षडयंत्र के तहत दर्ज मामला है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि भानुप्रतापपुर का उपचुनाव कांग्रेस और भाजपा के बीच न होकर झारखंड पुलिस और आरोपी की धरपकड़ और लुकाछिपी का खेल बन गया है। क्या ऐसा भी चुनाव लोकतंत्र में होता है। अपराधियों को तो किसी भी पार्टी से टिकट ही नहीं देना चाहिए। जिससे मतदाता धर्म संकट से बच सके। न रहेगी बांस न बजेगी बांसुरी।
सोने में सुहागा, खुश हुआ अकबर...
इन्द्रावती टायगर रिजर्व बीजापुर में बाघों की कुल संख्या अब 5 से बढ़कर 6 होने पर विभागीय मंत्री ने खुशी जाहिर की है। यहां लगाए गए ट्रेप कैमरा में इन्द्रावती टायगर रिजर्व के अंतर्गत विगत दिवस एक बाघ का फोटोग्राफ प्राप्त हुआ। इसे डब्ल्यू आई आई टायगर सेल देहरादून द्वारा नये बाघ के रूप में पुष्टि की गई है। वन मंत्री अकबर के कुशल मार्गदर्शन में विभाग द्वारा वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने के लिए लोगों के साथ मिलकर वन्यजीव संरक्षण का कार्य लगातार किया जा रहा है। इन्द्रावती टायगर रिजर्व बाघों के रहवास के लिए उपयुक्त स्थल है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि मो. अकबर जहां कवर्धा में समर्थक और अपने वोटर्स बढ़ाने में जुटे हुए है ऐसे में इंद्रावती टायगर रिजर्व में बाघ की बढ़ोत्तरी सोने में सुहागा वाली बात हो गई है।
योग गुरु बन गए जोक गुरू
बाबा राम देव हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। ताजा मामला पुणे में साड़ी को लेकर दिए बयान पर फिर महिलाओं के निशाने पर आ गए हैं। योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग में शिकायत हुई है। इसमें उन पर महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक वाक्यों के इस्तेमाल का आरोप लगाया है। शिकायत के बाद आयोग ने मामले का संज्ञान लिया है। पिछले दिनों महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित योग शिविर के दौरान बाबा रामदेव ने कहा, महिलाएं साड़ी, सूट और सलवार में अच्छी लगती हैं। मेरी तरह कुछ भी न भी पहने तब भी अच्छी लगती हैं।फिर महिलाओं ने उग्र रूप धारण कर बाबा रामदेव पर कड़ी कार्रवाई की मांग करने लगे और बाबा दिल्ली वाली पुरानी घटना याद दिलाया जिसमें सलवार सूट पहन कर भागना पड़ा था। जनता में खुसुर-फुसुर है कि बाबा योग गुरू है, कभी-कभी उनका भी योग मार्ग भटक कर जोक बन जाता है। बाबा के सारे सौंदर्य प्रसाधन उत्पाद को लगाए बिना ही महिलाओं को सौदंर्यबोध होगा, शायद बाबा यही कहना चाहते है। बाबा को महिलाओं का तारीफ करना महंगा पड़ गया। बाबा ने किस मकसद से यह बात कही वो तो वही जाने लेकिन आनन-पानन में माफी मांगने पर मामला ठंडा हुआ ।