दुर्ग : स्थानीय बाजार में बढ़ा बिहान के समूहों का दबदबा, पौने तीन करोड़ की कर ली बचत

Update: 2021-09-07 14:17 GMT

दुर्ग। स्व-सहायता समूहों को बढ़ावा देने का अवसर उपलब्ध करा राज्य सरकार ने आधी आबादी को सशक्त करने की राह सुलभ कर दी है। राज्य सरकार की नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना के क्रियान्वयन से महिला समूहों की आर्थिक ताकत बढ़ी है। वर्ष 2019 से अब तक 3676 समूह गठित किये जा चुके हैं। इनमें वर्मी कंपोस्ट से लेकर सैनेटाइजर निर्माण तक की अनेक गतिविधियां हो रही हैं जिससे आर्थिक विकास का नया मार्ग खुला है। इन समूहों ने बैंकों से लगभग 29 करोड़ रुपए का ऋण लिया है। बिहान योजना के माध्यम से इन्हें 3.60 करोड़ रुपए की चक्रीय निधि एवं 5 करोड़ 65 लाख रुपए की सामुदायिक निवेश निधि उपलब्ध कराई गई है। इसका सदुपयोग कर वे वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में शानदार कार्य कर रही है। उनका रिकार्ड बेहद अच्छा रहा है। जिला प्रशासन ने इनके लिए उपयुक्त ट्रेनिंग की व्यवस्था की तथा बाजार के अवसरों का लाभ उठाने मार्केटिंग तथा ब्रांड प्रमोशन के लिए जरूरी बातें भी सिखाईं। समय-समय पर इन्हें उपयुक्त बाजार भी उपलब्ध कराया ताकि इनकी गुणवत्तायुक्त सामग्री की पहुँच आम आदमी तक भी हो। यह सार्थक प्रयास रहा। जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक ने बताया कि बैंक लिंकेज, ब्रांड मेकिंग के लिए प्रशिक्षण और बाजार उपलब्ध कराना, इन तीनों बिन्दुओं पर कार्य किया गया है। इसके अच्छे परिणाम सामने आये हैं और आर्थिक भागीदारी के लक्ष्य की ओर महिलाएं तेजी से अपने कदम बढ़ा रही हैं।

पौने तीन करोड़ रुपए की बचत- अब तक इन समूहों ने 2 करोड़ 75 लाख रुपए की बचत की है। इन बचत के माध्यम से इनकी छोटी-बड़ी जरूरत पूरी हुई है। सबसे बड़ी बात यह है कि आर्थिक क्षेत्र में सशक्त होने से परिवार में भी इनकी मजबूती बढ़ी है। इन समूहों के लिए सबसे अच्छा अवसर नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना के माध्यम से आया। 263 गौठानों में 664 स्व-सहायता समूह बने। इनमें 450 समूहों ने गोधन न्याय योजना के अंतर्गत वर्मी कंपोस्ट निर्माण का कार्य किया। इससे उन्हें 1 करोड़ 66 लाख रुपए की आय अर्जित हुई। शेष 214 समूहों ने सामुदायिक बाड़ी, मछली पालन, मुर्गी पालन, बटेर पालन, गोबर का गमला, दीया, राखी निर्माण जैसी गतिविधि की और इसके माध्यम से 54 लाख रुपए की आय अर्जित की।

स्थानीय उत्पादों के बाजार में बढ़ाई हिस्सेदारी- संवहनीय कृषि के अंतर्गत जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए जिन 80 ग्रामों का चयन किया गया उनमें 6949 महिलाओं ने इसके लिए कार्य किया। ऐसे 254 समूहों की महिलाओं ने अगरबत्ती, साबुन, फिनाइल, डिश वाश, हैंडवाश, सैनेटाइजर, आचार, बड़ी, पापड़ जैसे स्थानीय उत्पादों का निर्माण किया। उत्पादों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा गया और इस वजह से इन्हें शानदार प्रतिसाद मिला

आकांक्षा आवासीय कोचिंग संस्थान में प्रवेश हेतु मेरिट एवं अनंतिम चयन सूची जारी

जांजगीर-चांपा, 07 सितंबर, 2021/ आकांक्षा कार्यक्रम के तहत वर्ष 2021-22 में 11वीं कक्षा में अध्ययनरत् आर्थिक रूप से कमजोर छात्र,छात्राओं को राष्ट्रीय स्तर की मेडिकल एवं इंजीनियरिंग से संबंधित प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए 02 वर्षीय पाठ्यक्रम संचालित है। जिला रोजगार अधिकारी ने बताया कि पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु बुधवार 01 सितंबर को आकांक्षा आवासीय विद्यालय (जिला रोजगार कार्यालय) जिला पंचायत परिसर में लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। परीक्षा में 90 छात्र, छात्राएं शामिल हुए थे। लिखित परीक्षा में प्राप्त अंक एवं कक्षा 10वीं में प्राप्त अंकों की मेरिट सूची एवं अनंतिम चयन सूची जारी की गई है। जारी सूची जिले की वेबसाईट https://janjgir-champa.gov.in में अपलोड की गई है। अधिक जानकारी के लिए जिला रोजगार कार्यालय जांजगीर से संपर्क कर सकते है।

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