तालाब गहरीकरण से ग्रामीणों को मिला निस्तारी के लिए भरपूर पानी

बरभाठा के ग्रामीणों के लिए बखरिया दर्री डबरी तालाब बना वरदान।

Update: 2021-12-29 10:29 GMT

जांजगीर-चांपा: जिले के डभरा ब्लाक की ग्राम पंचायत भेड़ीकोना के आश्रित ग्राम बरभांठा में बखरिया दर्री डबरी तालाब से आज गांव के लोगों को भरपूर पानी मिल रहा है। गांव के लिए यह तालाब वरदान साबित हो रहा है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के माध्यम से तालाब का गहरीकरण किया गया। इस कार्य से गांव में ही मनरेगा जॉबकार्डधारी परिवारों को रोजगार मिला और ग्रामीणों को निस्तारी के लिए भरपूर पानी भी उपलब्ध हो रहा है। जिला मुख्यालय से लगभग 90 किलोमीटर दूर जनपद पंचायत डभरा के अंतर्गत पंचायत भेड़ीकोना के आश्रित ग्राम बरभांठा के ग्रामीणों ने कभी नहीं सोचा था कि गांव के पुराने तालाब का कभी गहरीकरण हो सकेगा। तालाब में फैलती गंदगी, कचरे से परेशान ग्रामीणों ने तय किया कि इस तालाब की सफाई कराई जाए। ग्रामीणों ने एकजुट होकर बखरिया दर्री डबरी तालाब गहरीकरण के लिए प्रस्ताव दिया। महात्मा गांधी नरेगा से इस कार्य को मंजूरी दी गई।

ग्रामीणों ने बताया कि इस तालाब की कहानी बहुत पुरानी है। कभी लोग तालाब का पानी पिया करते थे। लेकिन धीरे-धीरे यह अपना अस्तित्व खोता चला गया और प्रदूषण के कारण यह तालाब निस्तारी के लायक भी नही बचा। गंदगी और बदबू के कारण लोग तालाब के नजदीक भी खड़ा होना पसंद नहीं करते थे। सरपंच ने इसकी साफ-सफाई कराने के लिए मनरेगा के अधिकारियों से चर्चा की। महात्मा गांधी नरेगा के माध्यम से प्रस्ताव तैयार किया गया। महात्मा गांधी नरेगा के माध्यम से वर्ष 2020-21 में 8.79 लाख रुपये से तालाब गहरीकरण एवं पचरी निर्माण शुरू किया गया। इससे 205 परिवारों ने काम करते हुए 3 हजार 327 मानव दिवस का रोजगार प्राप्त किया। इस कार्य में गांव के मनरेगा जॉबकार्डधारी परिवारों को गांव में ही रोजगार मिलने से बाहर कमाने खाने नहीं जाना पड़ा।
गांव के श्री श्यामलाल सिदार, श्री गौरीशंकर चंद्रा, श्री महेश्वर सिदार, श्री राजेश सिदार ने कहा कि बारिश के बाद जब तालाब में पानी भरा तो ग्रामीणों की उम्मीदें भी जाग उठी। तालाब में पचरी निर्माण होने से लोगों को काफी सुविधा हो रही है। तालाब में पानी का उपयोेग प्रतिदिन नहाने, कपड़े धोने एवं निस्तारी उपयोग के लिए किया जा रहा है।
जिला पंचायत सीईओ श्री गजेन्द्र सिंह ठाकुर ने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा के माध्यम से जॉबकार्डधारी परिवारों को गांव में ही रोजगार मिल रहा है, तो दूसरी ओर गांव में स्थायी परिसंपत्तियों का निर्माण एवं जल संरक्षण की दिशा में बेहतर कार्य किये जा रहे हैं। सरपंच श्रीमती गूंजदेवी चंद्रा ने बताया कि गांव में महात्मा गांधी नरेगा से तालाब के निर्माण बाद ग्रामीणों को बहुत फायदा हुआ। गांव के लोगों को मनरेगा से मजदूरी मिली तो दूसरी ओर निस्तारी के लिए पानी। मनरेगा योजना से सभी लाभान्वित हुए।


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