सचिव पीपल फॉर एनिमल्स सोसायटी रायपुर कस्तूरी ने बताया कि पिछली 2 एम्बुलेंस से अलग इस एम्बुलेंस में ड्राइवर सीट के बाद जाली का विभाजन है जिससे एक बार में 4-5 बीमार डॉग्स को गाड़ी में के लेकर जाया जा सकेगा। एम्बुलेंस में डॉग्स के लिए ऑक्सीजन सिलिंडर, फर्स्ट एड किट, डॉग कैचिंग के उपकरण और GPS ट्रैकर भी लगा हुआ है।
इस संस्था द्वारा प्रतिदिन 100 किलोमीटर से भी ज्यादा दूरी तय कर डॉग को रायपुर के अलग अलग इलाकों से बीमारी और ऐक्सिडेंट के इलाज हेतु रेस्क्यू किया जाता है। संस्था के हेल्पलाइन में हर दिन 18-25 गंभीर हालत में डॉग्स की सूचना आम जनता द्वारा दी जाती है। अस्पताल और शेल्टर ले जाने के लिए एम्बुलेंस की बढ़ती ज़रूरत को देखते हुए संस्था ने डॉग एम्बुलेंस की शुरुवात की।
कस्तूरी बताती है कि रायपुर में नसबंदी अभियान और रेबीज़ टीकाकरण की कमियों की वजह से दर्जनों रेबीज़ से ग्रसित श्वान हर महीने रेस्क्यू होते है । इनके रेस्क्यू में बहुत सावधानी बरतनी पड़ती है क्योंकि इनके लार से रेबीज़ इंसानों और अन्य जीवों को फैल सकता है। संस्था द्वारा रेबीज़ से ग्रसित श्वान को लगातार रेस्क्यू किया जा रहा है।मृत होने पश्चात ब्रेन सैंपल को रेबीज़ जांच के लिए बैंगलोर की लैब भेजा जा रहा है।मृत श्वान का अंतिम संस्कार भी करवाया जा रहा है। यह एम्बुलेंस रायपुर शहर में डॉग रेस्क्यू, ऑपरेशन तथा रेबीज़ संक्रमण को रोकने में सक्रिय रहेगी।