डॉक्टर की जिंदादिली: IAS के इस ट्वीट पर IPS अफसर ने दिया रिएक्शन - नमन है ऐसी शख्सियत को

Update: 2021-03-15 07:29 GMT

एक डॉक्टर इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने हुए हैं. जिन्हें पैदल स्कूल और कॉलेज जाने वाली लड़कियों का दर्द देखा नहीं गया और उन्होंने खुद के पैसों से छात्राओं के लिए 19 लाख रूपए की बस खरीद दी. सोचिए हम सब अपनी सैलरी का एक छोटा हिस्सा PF के रूप में कटवाते हैं ताकि वह भविष्य में या रिटायरमेंट के बाद हमारे काम आ सके. इस खबर को सुनने के बाद सबसे पहले तो यही दिमाग में आया क्या ऐसा करना डॉक्टर के लिए इतना आसान होगा, क्योंकि एक उम्र के बाद जब हम काम नहीं पाते तो इसी तरह की बचत हमारे जीवन यापन के लिए सहारा बनती है. मगर इस डॉक्टर के जज्बे के मानना पड़ेगा जिन्होंने अपने PF के पैसे गांव की छात्राओं के सुनहरे भविष्य पर खर्च कर दिए.

दरअसल, इस डॉक्टर का नाम डॉ. आर.पी. यादव है जो राजस्थान के कोटपूतली में रहते हैं, इनकी उम्र 62 साल की है. इन्हें जब पता चला कि कोटपूतली गांव की लड़कियों को पढ़ाई करने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलकर जाना पड़ता है इन्होंने बस खरीदने का फैसला लिया. पेशे से डॉक्टर और लोगों की सेवा करने वाले आर.पी. यादव एजुकेशन के महत्व को समझते हैं. अब लड़कियां इनके द्वारा खरीदी हुई बस में बैठकर स्कूल जाती हैं. हमारे देश में आज भी कई लड़कियां शिक्षा से वंचित रह जाती हैं. कई ऐसी जगहें हैं जहां यातायात की सुविधा नहीं हैं. ऐसे में दिल को छू लेने वाली यह खबर लोगों को प्रेरणा देने का काम करती है. जिसे आईएएस ऑफिसर अवनीश शरण (IAS Officer Awanish Sharan) ने शेयर किया है.

वहीं IAS Officer Awanish Sharan के इस ट्वीट पर IPS Officer RK ने रिएक्शन देते हुए लिखा है कि 'नमन है ऐसी शख्सियत को'. इसके अवाला कई यूजर्स ने डॉक्टर आर.पी. यादव की सराहना की है. बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो कुछ ऐसा कर जाते हैं कि वे लोगों के लिए मिसाल बन जाते हैं. लोगों ने जब यह खबर सुनी तो यकीन ही नहीं हुआ कि कोई अपने पीएफ का इतना बड़ा अमाउंट दूसरों पर खर्च कर सकता है वो भी कोई बिजनेसमैन नहीं बल्कि दूसरों का इलाज करने वाला एक साधारण डॉक्टर. जो हम सब की तरह की अपनी ड्यूटी निभाता है, लेकिन वो कहते हैं ना कि कुछ देने के लिए दौलत ही नहीं बड़ा दिल भी होना चाहिए. वाकई इस डॉक्टर का दिल तो काफी बड़ा है. जिन्होंने अपने बचत के पैसे समाज सेवा में लगा दिए. हम डॉक्टर की जिंदादिली को सलाम करते हैं.


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