जिला अस्पताल प्रबंधन जांजगीर अपने कायाकल्प के लिए दूसरों की सेहत से कर रहा खिलवाड़

Update: 2024-04-16 07:47 GMT

जांजगीर। जिला अस्पताल जांजगीर अगर आप जा रहे हैं तो हो सकता है वहाँ फैले काले डस्ट के उड़ने से आपकी सेहत खराब हो जाये या आँखों में डस्ट के उड़ने से परेशानी का सामना करना पड़े। हम बात कर रहे हैं जांजगीर के जिला अस्पताल प्रबंधन के लापरवाही की कि कैसे बिना सक्षम अनापत्ति प्रमाण पत्र के काले चुरा डस्ट को अपने परिसर व अस्पताल के बाउंड्री से लगे जगह में पाट दिया गया है। इसे पाटने हेतु न ग्राम पंचायत से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया गया है न ही पर्यावरण विभाग से और ना ही डस्ट फैलाने के बाद उसके सुरक्षा के उपाय किये गए हैं।

गौर करने वाली बात यह है कि अस्पताल में पहले से ही बीमार व्यक्ति अपना इलाज कराने आते हैं और यहां पर एक स्वच्छ वातावरण की उम्मीद करते हैं लेकिन यहाँ पर उल्टा डस्ट स्क्रेब चुरा बिछा कर उनकी सेहत का ध्यान नहीं रखा जा रहा है और ठीक उसी के सामने कालोनियों में रहने वाले बच्चे बुजुर्ग सभी घूमने निकलते है। जबकि इसको बिछाने के बाद इसके हवा में मिलकर उड़ने से सेहत को नुकसान न हो इस हेतु उपाय किये जाते हैं लेकिन यहाँ जिला अस्पताल में ऐसे ही उसे फैला दिया गया है।

नालियों की भी सूरत बिगड़ी अस्पताल प्रबंधन के कायाकल्प से -दूसरी ओर यह भी देखने को मिला कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा फैलाये गए काले चुरा डस्ट से अस्पताल बाउंड्री के किनारे नीम पथ की सड़क की नाली को भी उसी डस्ट से पूरी तरह पाट दिया गया है जिससे नाली का रास्ता अवरुद्ध हो गया है जबकि आगामी दिनों में आने वाले मानसून में नालियों के द्वारा पानी निकासी सही नहीं होने से परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

इस संबंध में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ अनिल जगत से पूछने पर बताया गया की जल्द से जल्द डस्ट से लोगो को तकलीफ ना हो इसका उपाय किया जाएगा जल्दबाजी में एनओसी नही ले पाए थे और डस्ट से पटी नालियों की सफाई कराई जाएगी। जब इस बारे में ग्राम पंचायत जर्वे च के सरपंच प्रतिनिधि संजय कुमार से बात की गई तो एनओसी जारी करने पर अनभिज्ञता जाहिर कर बाद में बताने की बात कही गई।


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