बाल विवाह से पहले पहुंचा जिला प्रशासन, पुलिस ने की कार्रवाई

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Update: 2024-04-26 18:21 GMT
जशपुर। जशपुर जिले में महिला और बाल विकास विभाग ने बाल विवाह को रोका है। बालिका की शादी 29 अप्रैल को होने वाली थी। सूचना पर 24 अप्रैल को मौके पर पहुंची संयुक्त टास्क फोर्स ने बाल विवाह को रोकते हुए परिजनों को समझाइश दी। बालिका के माता-पिता का कहना था कि उन्हें शादी के लिए बने कानून की जानकारी नहीं थी, इसलिए शादी करवा रहे थे। जानकारी के मुताबिक, बगीचा विकासखण्ड के ग्राम महुआडीह में एक बालिका की शादी 29 अप्रैल के दिन तय की गई थी। टीम ने बालिका के सर्टिफिकेट की जांच की। इसके अनुसार जन्म तिथि 13 अप्रैल 2007 पाई गई, जिसके आधार पर बालिका का उम्र 17 साल 11 दिन होना पाया गया।

बालिका के माता-पिता ने कानूनी अज्ञानता के कारण शादी करने की बात कही। जिला बाल संरक्षण अधिकारी चन्द्रशेखर यादव ने बताया कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई ही नहीं अपितु कानूनन अपराध है। बाल विवाह से बच्चों के सर्वांगीण विकास प्रभावित होता है। बाल विवाह रोक-थाम के लिए बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 लागू किया गया है, जिसमें लड़के की आयु 21 साल और लड़की की आयु 18 साल निर्धारित की गयी है। अधिनियम के तहत बाल विवाह करने वाले वर और वधु के माता-पिता, सगे संबंधी, बाराती यहां तक की विवाह कराने वाले पुरोहित पर भी कानूनी कार्रवाई किया जाना प्रावधानित है। अधिनियम के तहत 2 साल के कठोर सश्रम कारावास तथा 1 लाख का जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किए जाने का प्रावधान है।
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