अनुशासन, पीसीसी की कार्रवाई पर उठने लगे सवाल...

Update: 2021-11-01 04:57 GMT

मंडल अध्यक्ष के निलंबन के बाद अब पूर्व महामंत्री को कारण बताओ नोटिस

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। पिछले एक सप्ताह में कई बार हो चुकी मारपीट और अभद्रता की घटनाओं के बाद पार्टी अनुशासन को लेकर कांग्रेस अचानक सक्रिय हो गई है। छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल के अध्यक्ष सुशील सन्नी अग्रवाल के निलंबन के बाद एक और नेता को नोटिस दिया गया है। प्रदेश कांग्रेस ने पूर्व महामंत्री अरुण भद्रा को नोटिस जारी कर तीन दिनों में जवाब मांगा है। भद्रा पर सोशल मीडिया में टिप्पणी से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगाए गए हैं। बताया जा रहा है, अरुण भद्रा ने शनिवार को सोशल मीडिया पर कुछ टिप्पणियां की थी। ये टिप्पणियां सन्नी अग्रवाल के निलंबन से जुड़ी थी। एक टिप्पणी पार्टी के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया को निशाना बना रही थी। इस टिप्पणी से संगठन भड़क उठा है।

प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री प्रशासन रवि घोष ने कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। इसमें कहा गया, प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से पिछले दिनों की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया और प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं सोशल मीडिया में आपके द्वारा की गई अनर्गल टिप्पणी का मामला संज्ञान में आया है। इस प्रकार सोशल मीडिया में की गई टिप्पणी से पार्टी की छवि धूमिल हो रही है। यह अनुशासनहीनता की परिधि में आता है। इस मामले में प्रदेश कांग्रेस कमेटी को अपना लिखित जवाब तीन दिनों के भीतर प्रस्तुत करें। महामंत्री प्रशासन ने लिखा है, अन्यथा की स्थिति में एकतरफा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

नियुक्तियों में वरिष्ठ कांग्रेसियों की उपेक्षा पर उठाए थे सवाल

प्रदेश कांग्रेस के पूर्व मंत्री अरुण भद्रा पार्टी की प्रशिक्षण टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उन्होंने असम और उत्तर प्रदेश कांग्रेस का कैडर तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 2018 चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रशिक्षण में भी भद्रा काफी सक्रिय रहे थे। इस साल जुलाई में सरकार ने अरुण भद्रा को रायपुर विकास प्राधिकरण में सदस्य बनाया था। भद्रा ने यह पद लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, मैं ये पद नहीं ले सकता। पार्टी ने लिस्ट जारी करते वक्त वरिष्ठता का ध्यान नहीं रखा। हम लोग इतने सालों से घर-बार छोड़कर पार्टी के काम में लगे रहते हैं। साफ है कि दबाव में आकर लोगों को पद बांटे गए हैं। सभी पुराने नेताओं को दरकिनार किया जा रहा है। इससे उनके मन में असंतोष पैदा हो रहा है। पार्टी को सोचना चाहिए कि आगे भी चुनाव लडऩा है।

सन्नी का निलंबन एकतरफा कार्रवाई

कांग्रेस के संविधान के मुताबिक कांग्रेस ने मारपीट और अभद्रता के आरोप में सुशील सन्नी अग्रवाल को निलंबित किया है। बताया जा रहा है, अब उनको नोटिस जारी कर जवाब लिया जाएगा। पार्टी मामले की जांच करेगी। उसके बाद निष्कासन अथवा सदस्यता बहाली का फैसला होगा। पार्टी सूत्रों का कहना है, अभी के समीकरणों को देखते हुए कुछ समय बाद सन्नी अग्रवाल का निलंबन वापस भी लिया जा सकता है। सन्नी पर कार्रवाई को कई कांग्रेसी एकतरफा बता रहे हैं। बताया जा रहा है कि पीसीसी अध्यक्ष ने सन्नी के कार चालक के साथ अभद्रता की थी जिसके को लेकर विवाद हुआ था जिसके बाद धक्का-मुक्की की नौबत आई। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि निलंबन से पूर्व दोनों नेताओं से जवाब लिया जाना चाहिए था।

राजीव भवन की घटना को सीएम ने दुर्भाग्य जनक बताया

छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में हुई कांग्रेस के सिर फुटौवल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बयान आया है। रविवार को उन्होंने कहा, यह घटना दुर्भाग्यजनक है। ऐसा नहीं होना चाहिए था। संगठन को इसका संज्ञान लेना चाहिए। शनिवार को छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल के अध्यक्ष सुशील सन्नी अग्रवाल ने प्रदेश महामंत्री अमरजीत चावला का कॉलर पकड़कर धक्कामुक्की की थी। मुख्यमंत्री के बयान से संकेत मिल रहे हैं कि सरकार सन्नी अग्रवाल के मामले को फिलहाल संगठन स्तर पर ही निपटाना चाहती है। कांग्रेस नेता के तौर पर भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल के अध्यक्ष पद पर अभी उन्हें कोई खतरा नहीं है। जशपुर में 24 अक्टूबर को जिला कांग्रेस के कार्यकर्ता सम्मेलन में भी मारपीट हुई थी। इसमें मंच पर भाषण दे रहे पूर्व जिलाध्यक्ष पवन अग्रवाल से माइक छीना गया। उनके साथ मारपीट हुई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उस घटना को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। हालांकि उस मामले में कोई एक्शन नहीं हुआ।

सीएम आज करेंगे सदस्यता अभियान की शुरुआत, कांग्रेस से 10 लाख लोगों को जोडऩे का लक्ष्य

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने शनिवार को पीसीसी के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ बैठक कर सदस्यता अभियान और महंगाई के खिलाफ 14 से 29 नवंबर तक जनजागरण अभियान की रूप रेखा बनाई। बैठक में तय किया गया कि 1 नवंबर को सीए भूपेश बघेल और मरकाम सदस्यता फार्म भरकर अभियान की शुरुआत करेंगे। सदस्यता का यह अभियान 31 मार्च तक चलेगा। इस दौरान प्रदेश में 10 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य है। उसके बाद संगठन के चुनाव की प्रक्रिया शुरु होगी। सदस्यता के लिए बूथ वार प्रभारी भी बनाए जाएंगे। वहीं जनजागरण समिति ने तय किया कि महंगाई को लेकर पदयात्राएं की जाएंगी। इसके मार्ग जल्द तैयार की जायेगी। केन्द्र सरकार की विफलताओं महंगाई और राज्य सरकार की उपलब्धियों को प्रदेश से बूथ स्तर पर जन-जन तक पहुंचाने का लक्ष्य है। साथ ही प्रदेश कांग्रेस और सभी मोर्चा संगठनों के नेताओं को भी पदयात्रा करना होगा। महंगाई का यह अभियान एआईसीसी द्वारा निर्देशित है।

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