धमतरी: सिंगपुर-कमईपुर के ग्रामीणों की जिला मुख्यालय जाने वाली राह हुई आसान

प्रदेश की पहली सबसे लम्बी कोल्डमिक्स तकनीक से सड़क बनने से अब नहीं करना पड़ता लोगों को 12 किमी का अतिरिक्त सफर

Update: 2021-10-07 09:47 GMT

धमतरी: नगरी मुख्यमार्ग (भण्डारवाही) से सिंगपुर तक लगभग साढ़े 12 किलोमीटर लम्बी सड़क बनने से क्षेत्रवासियों को जिला मुख्यालय जाने के लिए बड़ी राहत मिली है। इस पक्के मार्ग के निर्माण से सिंगपुर, कमईपुर सहित आठ गांवों के ग्रामीणों की राह आसान हो गई है। पक्की सड़क बनने के पहले हिचकोलंे खाते दुपहिया वाहनों में अक्सर दुर्घटना की आशंका लोगों में बनी रहती थी, अब सिर्फ 15 से 20 मिनट में सिंगपुर-कमईपुर के लोग नगरी मुख्यमार्ग पर पहुंच रहे हैं। इस रोड की एक खासियत यह भी है कि यह कोल्ड मिक्स तकनीक से बनी प्रदेश की पहली पक्की सड़क है, जिसकी लम्बाई 12.400 किलोमीटर है।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना फेज-1 के तहत वर्ष 2019-20 में स्वीकृत नगरी मुख्यमार्ग से सिंगपुर तक पक्की सड़क का निर्माण 8 करोड़ 40 लाख रूपए की लागत से 12 किलोमीटर 400 मीटर लम्बी तारकोल सड़क का निर्माण किया गया। इस मार्ग के बनने से मगरलोड विकासखण्ड के आठ गांव सिंगपुर, कमईपुर, भण्डारवाही, सोनझरी, धनोरा, राउतमुड़ा पालवाड़ी और मुरूमडीह के लगभग साढ़े पांच हजार की जनसंख्या को आवागमन की उत्कृष्ट सुविधा मिली है। ग्राम पंचायत सिंगपुर के ग्रामीण शिवप्रसाद कंवर ने बताया कि इस मार्ग के बनने से जिला मुख्यालय धमतरी जाने की सुविधा बेहद आसान हो गई है। उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल सहित विभिन्न प्रकार की खरीदारी के लिए अक्सर धमतरी जाना पड़ता है, जिससे नगरी मुख्यमार्ग तक पहुंचना काफी सुगम हो गया। इसी गांव के शनिराम कंवर और बिशेसर ध्रुव ने बताया कि धमतरी जाने के लिए पहले 12-13 किलोमीटर दुगली जाना पड़ता था, उसके बाद बस पकड़कर वे धमतरी जाते थे, जिससे अतिरिक्त समय और श्रम लगता था। धमतरी जाने और आने में दिनभर का समय बर्बाद होता था। अब सायकल से भी सिर्फ आधे घण्टे में ही नगरी-धमतरी मुख्यमार्ग पर पहुंचकर बस से धमतरी पहुंच जाते हैं। ग्राम कमईपुर से सिंगपुर पढ़ने आई कक्षा नवमीं की छात्रा कु. अश्वनी यादव ने बताया कि पहले यह मार्ग बेहद उबड़-खाबड़ था, जिससे स्कूल पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। अब तो सिर्फ 8-10 मिनट में ही स्कूल पहुंच जाती हैं।
ग्राम कमईपुर के लोकेश मण्डावी, टेकराम, राजेश डहरिया, टिकेश्वर यादव और हेमलाल मण्डावी ने बताया कि पक्की सड़क बनने से पहले यह बेहद जर्जर मार्ग था। इस रोड पर लोग सिर्फ दुपहिया वाहनों से ही आना-जाना करते थे। अब तो इस रोड के बनने से न सिर्फ आसपास के ग्रामीण, बल्कि, सिंगपुर, मोहेरा, मारागांव होते हुए गरियाबंद जिला जाने वाले लोग भी इसी रोड का उपयोग करते हैं। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि पहले लोग शाम होने से पहले घर आ जाते थे, अब ग्रामीण देर शाम तक इस मार्ग पर आवाजाही करते हैं। ग्राम सोनझरी की श्रीमती घुरईन बाई विश्वकर्मा और रमलीबाई ने बताया कि इस रोड के निर्माण के समय उन्हें काफी लम्बे समय तक रोजगार मिला। सिंगपुर जाने में भी काफी सुविधा मिली है।


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