धमतरी : कोरोना के लक्षणात्मक मरीजों को मितानिनों के जरिए 10 हजार किट वितरित
जिले में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को दृष्टिगत करते हुए कलेक्टर श्री जयप्रकाश मौर्य के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना के लक्षणात्मक तथा धनात्मक मरीजों को अब तक 10 हजार किट मितानिनों के माध्यम से वितरित किए जा चुके हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. डी.के. तुरे ने बताया कि कलेक्टर के निर्देशानुसार जिले की 1800 मितानिनों के द्वारा डोर-टू-डोर सर्वे करके कोरोना के लाक्षणिक मरीजों को अब तक 10 हजार से अधिक औषधि किट वितरित किए जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए कलेक्टर के निर्देशानुसार मितानिनों के द्वारा घर-घर जाकर लक्षण वाले मरीजों का चिन्हांकन किया गया, तत्पश्चात् पांच प्रकार की दवाई युक्त किट मरीजों व उनके परिजनों को उचित सलाह देकर दिया जा रहा है। मितानिन पेटी में औषधि किट के तौर पर आइवरमेक्टिन, डाॅक्सीसाइक्लिन, पैरासिटामाॅल, जिंक और विटामिन सी की दवाइयां मरीजों को दी जा रही हैं। सी.एम.एच.ओ. ने बताया कि जिले में स्थित उप स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पहले ही उक्त दवाएं उपलब्ध कराई जा चुकी हैं, किन्तु ग्राम स्तर पर इसकी सुलभ उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इन दवाओं को मितानिन पेटी में शामिल किया गया, साथ ही खाने की सही मात्रा व समय की जानकारी देने के लिए पूर्व में उन्हें लगातार प्रशिक्षण भी दिया गया था। इसके अलावा औषधियों के उपयोग के लिए ग्रामीणों को पैम्फलेट भी बांटे गए। उन्होंने यह भी बताया कि आगे भी उक्त दवाओं का वितरण जारी रहेगा, जिससे मरीजों का शीघ्रता से चिन्हांकन कर उनका उपचार समय रहते किया जा सके और संक्रमण के दायरे को न्यूनतम किया जा सके। साथ ही मोबाइल वैन में भी उक्त दवा किट को रखकर मरीज व उसके परिजनों को दी जाती है। उन्होंने बताया कि लगभग 3800 औषधि किट नगरी विकासखण्ड में, 3500 के लगभग कुरूद में, मगरलोड में लगभग 2000 तथा धमतरी ग्रामीण (सीएचसी गुजरा) के तहत लगभग 1200 औषधि किट अब तक प्रदाय किए जा चुके हैं। डाॅ. तुरे ने बताया कि कई बार सैम्पल की रिपोर्ट आने में विलम्ब हो जाता है, जिसकी वजह से मरीजों का उपचार शुरू करने में देर ना हो, इसलिए लक्षणयुक्त लोगों को भी यह दवा प्राथमिकता से दी जाती है। प्रमुख रूप से ऐसे धनात्मक मरीजों को, जो आइसोलेशन सेंटर या होम आइसोलेशन में रह रहे हैं, उनको दी जाती है तथापि प्रतिदिन धनात्मक मरीजों को भी तात्कालिक तौर पर उक्त दवाएं निःशुल्क दी जाती हैं।