लोकतंत्र में महिलाओं को जब तक बराबर की हिस्सेदारी नहीं दी जाएगी तब तक मातृशक्ति का विकास संभव नहीं : मोहम्मद असलम

Update: 2021-12-22 12:33 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में भाजपा द्वारा मातृशक्ति महाकुंभ मनाने को लेकर अपने बयान में कहा है कि केवल मातृशक्ति महाकुंभ मनाने से महिलाओं को अधिकार संपन्न नहीं बनाया जा सकता है। उन्हें उनका हक प्रदान करना पड़ेगा। जिस तरह से छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में 50 प्रतिशत आरक्षण देकर महिला नेतृत्व को प्रोत्साहित किया और कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 40 प्रतिशत महिलाओं को विधानसभा का टिकट प्रदान करने की घोषणा की है तथा नारा दिया है कि "नारी हूं लड़ सकती हूंÓ ।इस प्रकार से लोकतंत्र में महिलाओं को जब तक बराबरी की हिस्सेदारी नहीं दी जाएगी तब तक वास्तविक रूप में मातृशक्ति का विकास नहीं होगा। महिलाओं में जागृति लाने के लिए कांग्रेस की कल्याणकारी योजनाओं को लागू करना होगा। तभी महिला सशक्तिकरण का महाकुंभ मनाना सार्थक माना जाएगा। उत्तर प्रदेश में अभी अच्छा अवसर है यदि भाजपा भी महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम उठाएं।

प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने कहा है कि देश में मातृशक्ति के लिए खूब महाकुंभ मनाया जाए, लेकिन सरकारों को यह भी ध्यान में रखना होगा कि हमारी आधी आबादी को आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक, साधन दे पा रहे हैं अथवा नहीं? छत्तीसगढ़ की सरकार ने जिस प्रकार से दुग्ध उत्पादन, मशरूम पालन, मधुमक्खी पालन, जैविक खाद, गौठानों में बाड़ी योजना, गोधन न्याय योजना सहित अनेक कार्यों में महिलाओं की भागीदारी और रोजगार के अवसर दिए। इस तरह लगभग छत्तीसगढ़ में 20 लाख से अधिक महिलाएं तल्लीनता से आर्थिक विकास के काम में लगी हैं, जिससे समाज में मजबूती आ रही है। समाज सेवा का भाव उत्पन्न हो रहा है। बच्चों के विकास के लिए उत्साहित हैं और परिवारों की जरूरतों में कमी को दूर कर रही हैं। इस प्रकार से योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाना चाहिए, तभी मातृशक्ति का महाकुंभ मनाना सार्थक होगा।

प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने यह भी कहा है कि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की संवेदनशील सरकार ने गंभीरता से महिलाओं में एनीमिया से मुक्ति के लिए अभियान चलाया हुआ है लगभग 25 हजार महिलाओं को खून की कमी से निजात दिलाया गया है और अन्य एनीमिया से ग्रसित महिलाओं के उचित उपचार के लिए निरंतर अभियान जारी है। शहरी क्षेत्रों की महिलाओं के लिए दाई-दीदी क्लीनिक की योजना के माध्यम से दरवाजे तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचा कर परेशानियों से मुक्ति दिलाई जा रही है। भाजपा शासनकाल की तुलना में छत्तीसगढ़ ने महिला सशक्तिकरण, लैंगिक समानता, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, न्याय, विकास, संस्कृति के संरक्षण, सहित अनेक कार्यों में छत्तीसगढ़ को उपलब्धियां मिली है। महिलाओं के सशक्तिकरण के कारण लैंगिक समानता के मामले में छत्तीसगढ़ देश में टॉप पर है।

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