राजधानी का धारावी बना तेलीबांधा का देवार बस्ती

Update: 2021-04-24 06:46 GMT

जहां खुलेआम बिकता है नशा, अवैध शराब, गांजा, चलता है सट्टा-जुआ

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी में जारी लॉकडाउन के बाद भी शहर में एक ऐसी गली है जिस गली में खुलेआम नशा बिकता है। अवैध शराब, गांजा, सट्टा-जुआ इसी गली में चलता है। एक बात गौर करने वाली यह है कि 1000 मीटर की इस गली में इतना सब कारोबार कैसे चलता है। लेकिन इस बात में काफी सच्चाई है कि तेलीबांधा स्थित देवार बस्ती में सारे असामाजिक तत्वों का डेरा है और यहा सिर्फ अपराधिक गतिविधि वाले लोग ही रहते है। राजधानी के पॉश एरिया के नजदीक यह धारावी बस्ती नासूर बनकर पूरे शहर को अपने गिरफ्त लेने के लिए पैर पसार चुका है। जो आगे चलकर यहां के रिहायशियों के लिए परेशानी का सबब बनेगा, ऐसा मोहल्ले के लोगों का कहना है। पुलिस तो इसे धारावी बनने से पहले ही काले कारोबार को पूरी तरह नेस्तानबूत करना चाहिए, जिससे यहां रहने वाले लोग अपराध की दुनिया के बेताज बादशाह ना बन जाए है।

धारावी बस्ती में चल रहा आपराधिक कारोबार: रायपुर में एक बस्ती पूरी तरह धारावी के रंग में रंग चुकी है। यहां किसी का नियंत्रण आज तक नहीं हो पाया है। राजधानी के कुख्यात अपराधिक क्षेत्र तेलीबांधा की देवार बस्ती का, जहां गांजा, चरस, अफीम, ड्रग्स, हुक्का, शराब, सिरप, नशीली दवाई बहुत आसानी से मिल जाता है। सरकार की तमाम योजनाओं की सुविधाएं इस गरीब बस्ती वालों को मिलने के बाद भी न तो यहां की तस्वीर बदली और न ही यहां के लोगों की तकदीर बदली। बस एक ढर्रे पर जिंदगी घिसटती जा रही है। राजधानी पुलिस और समाज सेवी संगठन यहां हजारों शिविर और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर चुके है।

नशे का गढ़ बना रायपुर का तेलीबांधा

तेलीबांधा इलाके में नशीले पदार्थ खुलेआम बिक रहे है। स्थानीय एवं मौहल्ले के लोगों का कहना है कि यह काम पूरी तरह से पुलिस की जानकारी में हो रहा है। पुलिस विभाग के निचले स्तर के कर्मचारी ऊपर अधिकारियों को जानकारी नहीं देते, इसलिए उच्च अधिकारी वस्तुस्थिति से अनभिज्ञ रहते है। सूत्रों की माने तो यहाँ पर रोजाना लाखों के ड्रग्स की बिक्री होती है, साथ ही रोजाना अमूमन 30 पेटी शराब की बिक्री होती है। लोग साफ तौर पर पुलिस की मिलीभगत की की बात करते है। पीसीआर वेन के कर्मचारियों को लोग इसका जिम्मेदार मानते है । खुलेआम लिफाफा लेते भी देखा जा सकता है। जनता से रिश्ता के फोटो पत्रकार ने इसकी सत्यता जांचने बस्ती का मुआयना करने पहुंचा और वहां की तस्वीरें ली और सूचना पुलिस को दी गई लेकिन पुलिस इस मामले में खामोश है। जो नशीला पदार्थ रायपुर में कही नहीं मिलता, वह तेलीबांधा स्थित धारावी बस्ती में आसानी से उपलब्ध हो जाता है।

सूरज ढलते ही नशा उफान पर

सूरज ढलते ही नशे के कारोबारी खुलेआम खरीद-फरोख्त करते देखे जा सकते है। वैसे उनको सूरज ढलने का इंतेजार नहीं रहता, दिन के उजाले में भी वे खुलेआम अपने काम को अंजाम देते है। बस ये लोग ऊपर वाले को भेंट पूजा करते रहते है। बस्ती के लोगों का कहना है कि नशे के कारोबार में बस्ती के काफी लोग संलिप्त है और आसानी से उनके काम संचालित हो रहे है। उनके खिलाफ बोलने की हिम्मत किसी में नहीं है। अगर किसी ने हिमाकत की तो उसका हाथ पैर टूटना तय माना जाता है। अपराधी बेखौफ होकर अपने काम अंजाम दे रहे और पुलिस तमाशबीन बनी हुई है। जिसके कारण आए दिन यहां नए-नए अपराध हो रहे है।

युवाओं में बढ़ता नशा

राजधानी के चारों कोनों में ब्राउन शुगर, गांजा, शराब, चरस के सौदागरों ने जाल बिछा रखा है। राजधानी में बेखौफ ब्राउन शुगर सहित अन्य नशीले पदार्थ खुलेआम बिक रहे हैं। युवा पीढ़ी ब्राउन शुगर के नशे में मदहोश है। नशे की हालत में उन्हें ये पता नहीं चलता की वो क्या कर रहे है, किसको क्या बोल रहे हैं और किससे क्या बात कर रहे हैं। राजधानी में युवाओं को नासूर रोग लग चुका है। जिसका समय रहते इलाज करना बहुत ही जरूरी हो गया है, नहीं तो यह रोग युवाओं को पूरी तरह तवाह कर देगी। प्रदेश सहित राजधानी में नशे की लत ने युवा पीढ़ी को बर्बादी के कगार में लाकर खड़े कर दिया है, जो घर-परिवार के साथ समाज के लिए हानिकारक साबित होते जा रहा हैं।

ऑर्डर मिलते ही बाइक में डिलीवरी : शहर में नशे का कारोबार हाईटेक तरीके से हो रहा है। नशे के कारोबार में लिप्त युवा शहर के युवा गली-चौराहों से ही अपने अवैध कारोबार को चलाते हैं। ये अपने साथ बाइक में ही नशे का सामान अपने साथ रखते हैं। ग्राहक का ऑर्डर आते ही उसके स्थान पर नशे की पुडिय़ा पहुंचा दी जाती है। नशे का कारोबार करने वाले युवा इस दौरान उन्हीं को सामान देते हैं जो उनके विश्वास पात्र होते हैं। वे अपने साथ बाइक में सिर्फ उतना ही सामान रखकर चलते हैं जितने का उन्हें ऑर्डर मिलता है।

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