भानुप्रतापपुर। गुरुवार की दोपहर कांकेर से भानुप्रतापपुर मार्ग पर हुए भीषण सड़क हादसे में 7 मासूम बच्चो की मौत हो गई, जबकि एक मासूम बच्चा रायपुर में जिंदगी की जंग लड़ रहा है। सभी मृत बच्चों का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। कोरर क्षेत्र के गांव घोड़दे में रहने वाले गावड़े परिवार के लिए 9 फरवरी का दिन कभी ना भूलने वाला दिन बन गया। इस गांव के दो सगे भाइयों के मासूम बेटो की इस भीषण हादसे में मौत हो गई.
एक ही दिन में दो घर के दो मासूम चिरागो को खोने के गम में परिवार के सदस्य बेहद सदमे में है। परिवार समेत पूरे गांव के आंसू रोके नहीं रुक रहे है। घोड़दे गांव के उप सरपंच राकेश गावड़े और उनके भाई अनिल गावड़े के बेटे पीयूष गावड़े और निशांत गावड़े एक साथ रोजाना तैयार होकर स्कूल जाने निकलते थे। गुरुवार की सुबह भी दोनो भाई एक साथ तैयार होकर स्कूल जानें निकले थे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि वो आखिरी बार स्कूल जा रहे है और अब कभी वापस नहीं लौटेंगे।
हादसे की खबर जब परिजनों को लगी तब उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। जब भागे-भागे अस्पताल पहुंचे तो दोनों मासुमों की हालत बेहद नाजुक थी, जिन्हें जिला अस्पताल लाया गया जहां इलाज के दौरान दोनों मासूमों की मौत हो गई। दोनों बच्चों का पोस्टमार्टम के बाद गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया है, वहीं परिजन अब भी बात करने की स्तिथि में नही है। हंसता खेलता एक परिवार उजड़ गया है। दोनो बच्चों की मां यही कहकर अपने आंसू नहीं रोक पा रही है कि अब घर में रौनक कैसे रहेगी। बता दें कि राकेश गावड़े की एक बेटी का निधन भी एक साल पहले हुआ था और अब बेटे के भी चले जाने से घर की सारी खुशियां खत्म हो गई है।