दंतेवाड़ा। एनएमडीसी बचेली के खिलाफ आदिवासी युवाओं ने मोर्चा खोल दिया है। एनएमडीसी चेक पोस्ट पर धरना प्रदर्शन जारी है, जिसके कारण एनएमडीसी का उत्पादन बंद हो गया है, और कंपनी को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। इन आदिवासी युवकों ने लेबर सप्लाई में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने की मांग कर रहे हैं। लाल पानी से प्रभावित 12 गांव के 120 युवाओं को ठेका और श्रमिक के रूप में रोजगार देने की मांग कर रहे हैं।
बता दें कि इसके पहले भी बीते जून महीने में आदिवासी महासभा के बैनर तले 58 गांव के ग्रामीण एनडीएमसी के खिलाफ मोर्चा खोला था, आदिवासी महासभा ने अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर एनएमडीसी के खिलाफ प्रदर्शन किया। पानी, सड़क, बिजली जैसी मूलभूत समस्याओं का निराकरण करने और स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने की मांग की।
आदिवासी युवकों को कहना है कि एनएमडीसी किरंदुल-बचेली में पहाड़ों को खोदकर रोजाना करोड़ों रुपए का कच्चा लोहा निकाला जा रहा है, लेकिन, पहाड़ के नीचे बसे गांवों में विकास नहीं कर रही है। इसी के विरोध में सैकड़ों आदिवासियों ने जिला मुख्यालय में प्रदर्शन के किया, आदिवासी महासभा के अनुसार 'बैलाडीला की पहाड़ी के नीचे बसे 58 गांवों के ग्रामीण मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं। एनएमडीसी के अस्पताल जाते हैं तो डॉक्टर इलाज करने की बजाय रेफर कर देते हैं। आदिवासियों के साथ भेदभाव किया जाता है।