राजनांदगाँव। हिन्दू युवा मंच जिला इकाई ने स्थानीय भारत रतनू श्री अटल बिहारी वाजपेई स्मृति चिकित्सा महावद्यालय पेंड्री में ट्रामा और बर्न यूनिट खोलने की मांग को लेकर, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव और मुख्मंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा है। हिन्दू युवा मंच का मानना है कि, राजनांदगाँव मेडिकल कालेज में ट्रामा सेंटर और बर्न यूनिट की स्थापना हो जाने से न सिर्फ राजनांदगाँव जिले को बल्कि, नवगठित जिलों के साथ कवर्धा और बालोद जिले के भी लोगो को बड़ी राहत मिलेगी।
उक्ताश्य की जानकारी देते हुए हिन्दू युवा मंच के जिलाध्यक्ष किशोर माहेश्वरी ने बताया कि, स्थानीय पेंड्री मेडिकल कॉलेज को पुराने भवन से शिफ्ट हुए सालों हो चुके हैं, लेकिन सुविधाओं में कोई इजाफा नहीं हो रहा है। कुछ स्वास्थ्य सुविधाएं अभी भी ऐसी हैं जिनकी कमी से राजनांदगाँव जिले को जूझना पड़ रहा है। उनमें से सबसे प्रमुख है ट्रामा सेंटर और बर्न यूनिट की कमी। किसी व्यक्ति के गंभीर रूप से जल जाने, एसिड अटैक होने या बारूद, पटाखे, सहित पेट्रोल, डीजल जैसे ज्वलनशील पदार्थ से जल जाने की स्थिति में इसके त्वरित ईलाज के लिए पूरे जिले सहित आसपास कोई सुविधा नहीं है। जिले के किसी भी निजी चिकित्सालय में भी एक भी ट्रामा और बर्न यूनिट नहीं है। जिसके कारण पीड़ित को ईलाज के लिए रायपुर रिफर करना पड़ता है। ईलाज की सुविधा त्वरित रूप से मुहैय्या न कराए जाने की स्थिति में पीड़ित की मृत्यु भी हो जाती है। पेट्रोल, केरोसिन तेल, गैस सिलेंडर, पटाखे कुछ ऐसे ज्वलनशील पदार्थ हैं जो, हमारे पास मौजूद होते हैं, और रोजमर्रा की जिंदगी का अनिवार्य हिस्सा भी है। कभी कभी यही वस्तुएँ उन दुर्घटनाओं का कारण बन जाती है। यही नहीं बीते कुछ समय से, कुछ केस ऐसे भी केस देखने और सुनने को मिले हैं जैसे चलती कार में अचानक से आग लग जाना, जिसमे कार चालक और उसमे सवार व्यक्तियों को बचाया नहीं जा सका है। वहीं घर या दफ्तर में अचानक शॉर्ट सर्किट से आग लग जाने की भी घटनाएं हमारे आसपास घटती ही रहती है। इन सभी घटनाओं में पीड़ित आग से बूरी तरह से झुलस जाते हैं और त्वरित रूप से उपचार न मिलने की स्थिति में मौत के मुंह में समा जाते हैं। इन सभी स्थितियों से बचने का केवलमात्र निदान है ट्रामा और बर्न यूनिट। अविभाजित राजनांद गाँव जिला नक्सल प्रभावित होने की वज़ह से, नक्सली बारूदी सुरंग, टिफिन बम, रॉकेट लॉन्चर, और गोले बारूद से कई घटनाओं को अंजाम देते हैं। शक्तिशाली बारुदों के प्रयोग से बख्तरबंद वाहनों के भी परखच्चे उड़ जाते हैं। ऐसे में बारूद से बुरी तरह जले पीड़ितों को त्वरित रूप से ईलाज की सुविधा दिला पाना असंभव है। अगर स्थानीय राजनांदगाँव मेडिकल कॉलेज में ट्रामा सेंटर और बर्न यूनिट की स्थापना हो जाती है तो, न सिर्फ राजनांदगाँव जिले को बल्कि अविभाजित राजनांदगाँव जिले, मोहला - मानपुर - चौकी और खैरागढ़ - छुईखदान - गंडई, सहित कवर्धा और बालोद जिले को भी इसका प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ मिलने लगेगा क्योंकि कम दूरी होने की वज़ह से इस बात की संभावना बहुत कम है कि, उपरोक्त किसी भी जिले में नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना भावि भविष्य में हो सकेगी।