मुंगेली। भूमि की उर्वरा शक्ति बनाये रखने, मानव स्वास्थ्य के अनुकुल तथा फसल उत्पादन की लागत में कमी तथा आय में वृद्धि को देखते हुए जैविक खाद के रूप में जिले में वर्मी कम्पोस्ट की मांग दिनों-दिन बढती जा रही है। किसानों द्वारा भी अब वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करने लगे। कृषि विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि गौठानों में गौ पालकों से गोबर की खरीदी की जा रही है। महिला स्व सहायता समूहो द्वारा खरीदे गए गोबर से वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया जा रहा है। जिले में अब तक 11 हजार 964 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट 6 हजार 779 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट का निर्माण किया गया है। निर्मित वर्मी कम्पोस्ट को विक्रय के लिए 20-20 किलो की पैकेट तैयार किये गये है। वर्मी कम्पोस्ट को मात्र 10 रूपये प्रति किलो और सुपर कम्पोस्ट को 6 रूपये प्रति किलो की दर से किसानों को सहकारी समितियों के माध्यम से बेचा जा रहा है। अब तक 9 हजार 737 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट और 1 हजार 104 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट का विक्रय किसानों एवं विभिन्न शासकीय विभागांे में किया गया है। कलेक्टर अजीत वसंत ने भूमि की उर्वरा शक्ति बनाये रखने एवं मानव स्वास्थ्य के अनुकुल होने के फलस्वरूप खेतों मंे जैविक खाद के रूप में वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करने का आग्रह किया है।