बस्तर। बस्तर समेत पूरे छत्तीसगढ़ के प्राथमिक लघुवनोपज सहकारी समिति के प्रबंधक अपनी नियमितिकरण की मांग को लेकर 11 अप्रैल से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। प्रबंधकों के हड़ताल पर जाने से तेंदूपत्ता संग्रहण, बीमा योजना संबंधी जनता से जुड़े कई कार्य प्रभावित हो रहे हैं। जिसका सीधा नुकसान छत्तीसगढ़ के 13 लाख परिवारों के 68 लाख लोगों को हो रहा है। राज्य की एक बड़ी आबादी लघु वनोपज पर निर्धारित है। ऐसे में तेंदूपत्ता की खरीदी नहीं होने से लोगों को भी परेशानी हो रही है।
प्रबंधकों का कहना है कि कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में अपनी सरकार बनाने से पहले जन घोषणा पत्र में प्रबंधकों को तृतीय वर्ग कर्मचारी का दर्जा देकर नियमितिकरण करने का वादा किया था। लेकिन 3 साल बीत जाने के बाद भी इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा है। जिससे प्रबंधको में सरकार के ढीले रवैया के चलते काफी रोष देखने को मिल रहा है। इसी वजह से छत्तीसगढ़ राज्य प्रबंधक संघ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लिया।