मांग: कर्मचरियों और पेंशनरों को केन्द्र के समान 42℅ डीए और डीआर दे छत्तीसगढ़ सरकार

Update: 2023-06-24 10:56 GMT
रायपुर। भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के राष्ट्रीय महामन्त्री एवं छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन के प्रदेश संयोजक वीरेंद्र नामदेव ने पूर्ववर्ती राज्य मध्यप्रदेश के मुख्यमन्त्री शिवराज सिंह के द्वारा अपने राज्य के कर्मचारियों को केन्द्र के बराबर 42℅ महंगाई भत्ता देने के घोषणा के बाद छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और मुख्यसचिव अमिताभ जैन को ट्वीट कर छत्तीसगढ़ राज्य में भी केन्द्र के बराबर 42℅ महंगाई भत्ता कर्मचारियों को देने और दोनों राज्य के पेंशनरों को भी 42℅ प्रतिशत महंगाई राहत के तत्काल भुगतान हेतु मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 के बजट बटवारे की बाध्यता को ध्यान में रखकर मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रेषित 6 माह से छत्तीसगढ़ में लम्बित सहमति प्रस्ताव पर तुरन्त निर्णय लेकर न्याय करने की मांग की है.

जारी विज्ञप्ति में आगे बताया गया है कि पूरे देश में महंगाई को लेकर कांग्रेस के शीर्षस्थ नेता केन्द्र सरकार की खिंचाई कर रही हैं और देश में सभी राज्य सरकारें जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य को छोड़ कर सभी कांग्रेस शासित राज्य सरकारें भी शामिल है. सभी अपने कर्मचरियों के साथ साथ पेंशनरों को भी केन्द्र के बराबर महंगाई भत्ता दे रही हैं. अब पूर्ववर्ती मध्यप्रदेश में मुख्यमन्त्री शिवराज सिंह ने भी अपने कर्मचरियों को केद्र के बराबर पूरा 42℅ प्रतिशत महँगाई भत्ता दे दी है. और सम्भवत: छत्तीसगढ़ अकेला राज्य है जहाँ कर्मचारी और पेंशनर्स केवल 33℅ प्रतिशत महंगाई भत्ता ले रहे है. केन्द्र और देश में अन्य राज्य सरकारों से महंगाई भत्ता की दर 9℅ प्रतिशत कम है.

मध्यप्रदेश सरकार पेंशनरों को भी अपने कर्मचरियों के समान केन्द्र के बराबर महंगाई राहत देना चाहती है परंतु मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) में पेंशनरों के मामलें में आर्थिक स्वत्वों के भुगतान में दोनों राज्यों के बीच 76:26 के अनुपात में बजट वहन करने के प्रावधान के कारण मध्यप्रदेश सरकार पेंशनरों को महंगाई राहत देने हेतु छत्तीसगढ़ सरकार को सहमति के लिए प्रस्ताव भेजती रही हैं. इसी क्रम उनके द्वारा में 30 जनवरी 23 और 5 जनवरी 23 को 5℅ प्रतिशत महंगाई राहत पेंशनरों देने हेतु सहमति के लिए पत्र भेजा गया है. परंतु छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा गत 6 माह से इस पर कोई निर्णय लेने से मध्यप्रदेश सरकार चाह कर भी मध्यप्रदेश के पेंशनरों को अपने कर्मचरियों और केन्द्र सरकार के बराबर महंगाई राहत देने में असमर्थ है. ज्ञात हो कि वर्तमान में मध्यप्रदेश में 5 लाख और छत्तीसगढ़ में 1लाख पेंशनर्स है. इस तरह कुल 6 लाख पेंशनरों को मध्यप्रदेश 76℅ प्रतिशत और छत्तीसगढ़ राज्य सरकार 26℅ प्रतिशत बजट का प्रावधान करती है. यह सिलसिला राज्य निर्माण के बाद 22 साल से निरंतर जारी है. इसी बजट के चलते दोनों राज्य सरकार आपसी सहमति के लिए पत्राचार करते है.

जारी विज्ञप्ति में भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ से जुड़े प्रदेश के विभिन्न जिलों के नेता क्रमशः वीरेन्द्र नामदेव,द्रोपदी यादव,जे पी मिश्रा,पूरनसिंह पटेल, अनिल गोल्हानी,बी के वर्मा,आर एन ताटी,दिनेश उपाध्याय, आर जी बोहरे,सी एम पांडेय,राकेश जैन,महेश पोद्दार,ओ पी भट्ट,बसंत गुप्ता,पिताम्बर पारकर, हेमंत टांकसाले,नागेश कापेवार,प्रवीण त्रिवेदी, डॉ पी आर धृतलहरे,एच एल नामदेव,के आर राजपूत,विनोद जैन, जे पी भारतीय,गायत्री गोस्वामी,अनूप डे, सी एल चंद्रवँशी,रामचंद्र नामदेव,शरद अग्रवाल,डॉ एस पी वैश्य,बी डी उपाध्याय,बी एल यादव,नरसिंग राम,आर के नारद, प्रदीप सोनी,सुरेश शर्मा,एस के चिलमवार,लोचन पांडेय,सुरेश मिश्रा,एस के एस श्रीवास्तव,आलोक पांडेय,तीरथ यादव,रमेशचन्द्र नन्दे,जगदीश सिंह,उर्मिला शुक्ला,कुंती राणा, वन्दना दत्ता,परसराम यदु,अनूप योगी,ओ डी उपाध्याय,बी एल गजपाल,एन के भटनागर, डी के त्रिपाठी, एम आर शास्त्री, मीता मुखर्जी, पुरषोत्तम दुबे, सोमेश्वर प्रसाद तिवारी,हरेंद्र चंद्राकर, इलियास मोहम्मद शेख, व्ही टी सत्यम, रैमन दास झाड़ी, मो. अय्यूब खान, रविशंकर शुक्ला, गुज्जा रमेश, सुरेश कुमार घाटोडे, लोकचंद जैन,बलराम, महेंद्र जैन,नागेंद्र सिंह तथा बी एस दसमेर आदि ने मुख्यमन्त्री भूपेश बघेल पर भरोसा जताया है कि चुनावी वर्ष के अंतिम महीनों में बुजुर्ग पेंशनरों के लम्बित 9℅ महंगाई राहत पर सकरात्मक निर्णय लेकर मध्यप्रदेश के प्रस्ताव पर सहमति देकर केन्द्र के समान देय तिथि से एरियर सहित भुगतान करने हेतु आदेश जारी कर दोनों राज्य के पेंशनरों और परिवार पेंशनरों को राहत प्रदान करने की मांग की है. 

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