रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आज शाम राजधानी स्थित उनके निवास कार्यालय में सांसद दीपक बैज के नेतृत्व में बोधघाट बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना से डूबान क्षेत्र प्रभावित लोगों के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल से चर्चा करते हुए कहा कि यह सिंचाई परियोजना पूरे बस्तरवासियों के समग्र विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी। इससे बस्तर के जन-जीवन में खुशहाली और समृद्धि आएगी। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि इन्द्रावती नदी के जल का ज्यादा से ज्यादा उपयोग बस्तर अंचल के जिलों के लिए हो सके, वहां सिंचाई का रकबा बढ़े और किसान दोहरी-तिहरी फसल उपजा सके। बस्तर अंचल में सिंचाई और पेयजल का संकट न हो, इसको ध्यान में रखते हुए इस सिंचाई परियोजना के प्लान नए सिरे से तैयार किया गया है। अब यह परियोजना प्रमुख रूप से सिंचाई को ध्यान में रखकर निर्मित की जाएगी, ताकि भविष्य में बस्तरवासियों को जल संकट से न जूझना पड़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बोधघाट परियोजना बस्तरवासियों की है। इसका निर्माण सिर्फ और सिर्फ उनके भविष्य को बेहतर बनाने, उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और उन्हें उन्नति के नए अवसर उपलब्ध कराने के लिए किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना को लेकर उन्होंने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को पहले ही निर्देशित कर चुके हैं, कि इसकी पुनर्वास नीति देश-दुनिया की सर्वश्रेष्ठ नीति होनी चाहिए। यह नीति बस्तर के जनप्रतिनिधियों, किसानों और डूबान प्रभावित लोगों की राय से तैयार की जाएगी। सभी की रजामंदी से पुनर्वास नीति लागू की जाएगी और प्रभावितों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता होगी।
यहां यह उल्लेखनीय है कि बोधघाट सिंचाई परियोजना के सर्वेक्षण का काम शुरू करा दिया है। यह परियोजना 22 हजार 653 करोड़ रूपए की लागत से बस्तर की जीवनदायिनी इन्द्रावती नदी पर निर्मित होगी। इससे दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा जिले में 3 लाख 66 हजार 580 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा सृजित होगी। इससे तीनों जिलों के 359 गांव के कृषक लाभांन्वित होंगे।