खुर्सीटीकुल के छात्र की सर्पदंश से मृत्यु, विभाग के उच्च अधिकारियों की प्रशासनिक अक्षमता, असंवेदनशीलता एवं व्यवहारिक अज्ञानता का परिणाम
छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी एवं प्रांतीय महामंत्री सतीश ब्यौहरे ने राजनांदगाॅव जिला अंतर्गत अम्बागढ़ चैकी विकासखंड स्थित शासकीय प्राथमिक शाला खुर्सीटीकुल के छात्र चंद्रेश की मोहल्ला क्लास में अध्ययन के दौरान सर्पदंश से मृत्यु होने पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए
छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी एवं प्रांतीय महामंत्री सतीश ब्यौहरे ने राजनांदगाॅव जिला अंतर्गत अम्बागढ़ चैकी विकासखंड स्थित शासकीय प्राथमिक शाला खुर्सीटीकुल के छात्र चंद्रेश की मोहल्ला क्लास में अध्ययन के दौरान सर्पदंश से मृत्यु होने पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए। इसे विभाग के उच्च अधिकारियों की प्रशासनिक अक्षमता, असंवेदनशीलता एवं व्यवहारिक अज्ञानता का परिणाम बताया है। एक ओर कोरोना संक्रमणकाल के दृष्टिगत बच्चों को कोरोना की तीसरी लहर से सुरक्षित रखने के लिये केन्द्र और राज्य शासन द्वारा अध्यापन कार्याे पर पाबंदी लगाई है, वहीं दूसरी ओर राज्य शासन द्वारा शिक्षकों के लिये, एच्छिक रूप से लागू पारा मोहल्ला क्लास संचालन के आदेश को शिक्षकों पर दबावपूर्वक मढ़ कर, उन्हें शाला स्थल से अन्यत्र असुरक्षित स्थानों पर पारा मोहल्ला क्लास लगा कर अध्यापन करने बाध्य किया जा रहा है, जिसके कारण ग्राम खुर्सीटीकुल के छात्र के साथ यह दुर्भाग्यजनक घटना घटित हुई है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी एवं प्रांतीय महामंत्री सतीश ब्यौहरे ने दिवंगत छात्र चंद्रेश की मृत्यु पर खेद व्यक्त करते हुए बताया है कि राजनांदगाॅव जिला कार्यालय में माननीय कलेक्टर महोदय की अध्यक्षता में दिनांक 20.07.2021 को आहूत परामर्शदात्री समिति की बैठक में भी छत्तीसगढ शिक्षक फेडरेशन जिला ईकाई राजनांदगाॅव द्वारा शिक्षकों के हित से जुड़े इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाते हुए कलेक्टर महोदय को अवगत कराया गया था कि राज्य शासन द्वारा स्कूलों को बंद रखा गया है और शिक्षकों को रोटेशन में शाला आने एवं ऐच्छिक रूप से मोहल्ला कक्षा लेने का निर्देश है और उच्च कार्यालय द्वारा शिक्षको से आनलाईन अध्यापन पर जोर देने का निर्देश है। किन्तु राजनांदगाॅव जिले के जिला स्तर के कुछ अधिकारियों द्वारा जिला स्तर पर शिक्षकों पर दबाव बनाने के लिये उन्हें अनिवार्य रूप से प्रातः 10 से 4 बजे तक शाला आने के लिये आदेश निकाला गया है एवं मोहल्ला कक्षा के माध्यम से अनिवार्य रूप से अध्ययन करवाने बाध्य किया जा रहा है, जबकि शासन द्वारा आनलाईन कक्षाएॅ लेने के लिये आदेशित किया गया है।
इसके अलावा शिक्षा विभाग के कतिपय अधिकारियों द्वारा विभिन्न शासकीय शालाओं का दौरा एवं निरीक्षण करके अनुपस्थित शिक्षकों का वेतन रोकने, नोटिस देने, आदि अनुशासनात्मक कार्यवाही के द्वारा उनपर मोहल्ला कक्षाएॅ संचालित करने के लिये दबाव बनाकर उन्हें मोहल्ला क्लास में शिक्षा सारथीयों की मदद से अध्यापन हेतु बाध्य किया जा रहा है। इसका विरोध जिला परामर्शदात्री समिति की बैठक में भी फेडरेशन द्वारा प्रमुखता से किया गया था। किन्तु जिले के अधिकारियों के रवैये में कोई सुधार नहीं हुआ, अपितु उनके दबावपूर्ण मौखिक निर्देशों के कारण शिक्षकों को विवश होकर खुले मैदानों में, पेड़ के नीचे, पुराने एवं अर्धनिर्मित भवन आहता या निजी परिसरों में, पेयजल सुविधा विहीन एवं शौचालय सुविधाविहीन स्थानो पर भी मोहल्ला क्लास लगाने के लिये बाध्य होना पड़ रहा है, जिससे शिक्षकों एवं छात्रों के साथ कभी भी किसी दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। बारिश के मौसम में अब स्थिति और बिगड़ने लगी है, जब टपकती छतों के नीचे, कीचड़ युक्त गली मोहल्लों मे, पुराने जर्जर भवनों में, खुले कीचड़युक्त मैदानों एवं पेड़ों के नीचे मक्खी मच्छर और जहरीले जीवजंतुओ से युक्त असुरक्षित वातावरण में मोहल्ला कक्षाएॅ संचालित हो रही है।
अतः इस तरह की दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिये छ.ग. प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के द्वारा शासन प्रशासन से मोहल्ला क्लास का संचालन तत्काल बंद करके, शालाओं में पूर्ववत नियमित कक्षाएॅ संचालन करने एवं रोटेशन में छात्रों को शाला बुलाने अथवा कोरोना संक्रमण बढ़ने की स्थिति में, आनलाईन माध्यम से अध्यापन कार्य करवाये जाने की मांग की है। छ.ग.प्रदेश शिक्षक फेडरेशन राजनांदगाॅव के जिला अध्यक्ष मुकुल साव, जिला महामंत्री पी.आर.झाड़े, सदस्यगण बृजभान सिन्हा, एफ.आर.वर्मा, वाय.डी.साहू, जनक तिवारी, संजीव मिश्रा, भूषण लाल साव, रंजीत सिंह कुंजाम, जितेन्द्र बघेल, संगीता ब्यौहरे, नीलू झाड़े, सीमा तरार, अभिशिक्ता फंदियाल, मालती टंडन, सी.एल.चंद्रवंशी, पी.एल.साहू, देवचंद बंजारे, शिव प्रसाद जोशी, सुधांशु सिंह, विरेन्द्र रंगारी, नितेश मेश्राम, रमेश कुमार साहू, सुखराम खोब्रागढ़े, सिद्धेश्वरी वर्मा, ईश्वर टंडन, अब्दुल कलीम खान, सोहन निषाद, मुकेश शुक्ला, आदित्य तिवारी, हेमन्त पाण्डेय, एच.के.सोनसारवां, बी.के.गुप्ता एवं साथियो ने भी छ.ग.प्रदेश शिक्षक फेडरेशन की इस मांग का समर्थन किया है।