रायपुर। अवैध रूप से सेकेंड हैंड गाड़ियों की बिक्री करने के मामले में परिवहन विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। मारुति ट्रू वैल्यू के खिलाफ कार्रवाई करते हुए लगभग 34 गाड़ियां जब्त की गई हैं। इनमे एचडीएन ट्रू वैल्यू एजेंसी की 34 गाड़ियां हैं। इनमें रायपुर के अलावा अन्य ज़िलो जैसे-दुर्ग महासमुंद, कोरबा जिले सहित कई ज़िलो के वाहन भी हैं। वहीं जांच के दौरान सामने आया कि गाड़ियों को अपने परिसर में बेचने के लिए रखा गया था। दरअसल 1 अप्रैल से नए नियम लागू होने के बाद परिवहन विभाग प्री-ओनड व्हीकल के डीलर से ट्रेड लेने के लिये लगातार अपील कर रहा है। लेकिन बहुत से डीलर्स बिना ट्रेड लिए ही गाड़ी बेच रहे हैं। बिना ट्रेड सर्टिफिकेट के गाड़ी बेचने वाले डीलर के विरुद्ध गाड़ियां जब्त करने के साथ ही आगे की कार्रवाई की जा रही है। बता दें कि प्रदेश में एक अप्रैल से नए नियमों के तहत सेकेंड हैंड गाड़ियों की खरीदी-बिक्री के लिए परिवहन विभाग से डीलरशिप लाइसेंस लेना अनिवार्य किया गया है। इसके लिए लोग आवेदन भी कर रहे हैं और कुछ लाइसेंस अब तक जारी भी किए जा चुके हैं।
वर्तमान में शहर में 20 से ज्यादा डीलर्स द्वारा परिवहन विभाग से डीलरशिप हेतु आवेदन दिया जा चुका है। ऐसे डीलर जिन्होंने अभी तक ट्रेड के लिए आवेदन नहीं दिया है उनके खिलाफ कार्रवाई की शुरूआत की गई है। वहीं, अफसरों के अनुसार आगे भी ऐसे विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। सेकेंड हैंड गाड़ी की खरीद-बिक्री के फायदे को ध्यान में रखते हुए इसे पारदर्शी बनाने के लिए परिवहन विभाग छत्तीसगढ़ द्वारा केंद्र सरकार को सेकेंड हैंड गाड़ी विक्रेता को भी डीलर के रूप में अधिकृत करने पत्राचार किया था। इस पर केंद्रीय मोटरवाहन रूल, 1989 में बदलाव किया गया है, यह नया नियम 1 अप्रैल, 2023 से लागू हो गया है।
डीलर के पास कानूनी रूप से रहेगा स्टाक
आरटीओ से डीलरशिप लेने के बाद सेकेंड हैंड वाहन डीलर अब क्रेता से गाड़ी खरीद कर कानूनी रूप से अपने पास स्टाक में रख सकेगा और जरूरत के अनुसार उस गाड़ी के समस्त कार्य जैसे-नवीनीकरण या पंजीयन प्रमाणपत्र के नवीनीकरण अथवा पंजीयन प्रमाणपत्र की दूसरी प्रति, अनापत्ति प्रमाणपत्र, बीमा या वाहन के स्वामित्व में अंतरण करने हेतु आवेदन देने के लिए सक्षम होगा। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी रायपुर शैलाभ साहू ने बताया कि मारुति ट्रू वैल्यू राष्ट्रीय स्तर की कंपनियां हैं, जो कि गाड़ियों की खरीदी-बिक्री करती हैं। यह दुखद है की राष्ट्रीय कंपनी होने के बाद भी ये नियमों का पालन नहीं कर रहे है और इनके द्वारा लाइसेंस नहीं लिया गया था, इसके एवज में इनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।