रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य नीता विश्वकर्मा ने जिला पंचायत सभाकक्ष बैकुठपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की छ०ग० राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में प्रदेश स्तर की 187 वी सुनवाई हुई तथा जिला स्तर में दी सुनवाई की गई। कोरिया जिला की जन सुनवाई में कुल 34 प्रकरणों में सुनवाई हुई ।
नवाई के दौरान एक प्रकरण में आवेदिका ने अनावेदक के विरुद्ध थाना विश्रामपुर में एफ.आई.आर. दर्ज कराया जिसका चालान न्यायालय में प्रस्तुत हो गया है, इस प्रकरण में अनावेदक का कथन है कि आवेदिका एस.ई.सी.एल. के कर्मचारी के मकान में किराये से रहती है जो कि एस.ई.सी.एल. का मकान खाली नही करती है। जिसकी शिकायत एस.ई.सी.एल. में अनावेदक ने किया था। अनावेदक युनियन लीडर है. आवेदिका ने एफ.आई.आर दर्ज कराया था और पुलिस थाना से कोई कार्यवाही नहीं किया गया आवेदिका के पास दस्तावेज और साक्ष्य मौजूद है। आवेदिका से पूछे जाने पर एस.ई.सी.एल. कम्पनी के उच्चाधिकारी को अनावेदक ने तुम्हारे खिलाफ शिकायत नहीं किया तब आवेदिका ने बताया कि अब तक कोई जांच नहीं किया गया है। आयोग ने इसे गंभीर प्रकरण माना फिर भी कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीड़न जैसी गंभीर शिकायत के मामले पर एस.ई.सी.एल ने आज तक जांच नहीं किया। अतः उन्हें इस प्रकरण में पक्षकार बनाया जाना आवश्यक है। आवेदिका एसईसीएल कम्पनी के कर्मचारी का मोबाईल नम्बर लेकर प्रस्तुत करें ताकि आगामी सुनवाई हेतु बुलाया जा सके। प्रकरण की अगली सुनवाई रायपुर में रखी जायेगी।
अन्य प्रकरण में आवेदिका और अनावेदक को पिता उपस्थित प्रकरण में अन्य अनावेदकगण उपस्थित नही थे आवेदिका ने बताया कि वह सभी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विशेषतः दस्तावेजों के साथ शिकायत करना चाहती है एवं अपने प्रकरण की शीघ्र सुनवाई करना चाहती है। अतः उसे दस्तावेज लेकर आगामी सुनवाई 06 जुलाई 2023 को रायपुर में उपस्थित होने कहा जाये।
अन्य प्रकरण में आवेदिका उपस्थित और अनावेदक कमांक 02 उपस्थित जो अनावेदक 01 की पत्नी है उसन बताया कि अनावेदक क्रमांक 01 मानसिक रूप से विक्षिप्त है और आवेदिका सौतेली बहु है। आवेदिका ने बताया कि अनावेदिका क्रमांक 02 ने घर पर कब्जा कर रखा है और मुझे घर से निकाल दिया है। अनावेदक क्रमांक 02 का कथन है कि आवेदिका अपने घर पर ताला लगाकर चली गई काई कब्जा नही किया गया है मौके पर जांच कर सकते हैं। सुरजपुर के सरक्षण अधिकारी और आयोग की सदस्य श्रीमती नीता विश्वकर्मा मौके पर जाकर जांच करेंगे तथा रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। तत्पश्चात् प्रकरण का निराकरण किया जायेगा।
अन्य प्रकरण में दोनो पक्ष उपस्थित आवेदिका पिछले डेढ़ वर्षों से रायपुर में रहकर अपना जीवन-यापन कर रही है। उसका पति भरण-पोषण के रूप में कोई भी राशि आवेदिका को नहीं दे रहा है। उभय पक्ष के दो बच्चे हैं जो माता-पिता दोनों के पास आना-जाना करते हैं। अनावेदक ने बतायारायपुर में 1500 फीट का प्लॉट ले रखा है जो भरण-पोषण के एवज में आवेदिका एवं दोनों बच्चे के नाम पर करने को तैयार है। इस प्रकरण में श्रीमती नीता विश्वकर्मा एवं संरक्षण अधिकारी कोरिया समझीता नामा बनाकर महिला आयोग में प्रस्तुत करेंगे। अन्य प्रकरण में दोनों पक्ष उपस्थित आवेदिका ने अपने पिता से मिलने के लिए आवेदन प्रस्तुत
किया था। आवेदिका ने बताया कि वह अपने पिता से पिछले 26 वर्षों से नहीं मिली है। हम यह भी कह सकते हैं कि शायद पहली बार देख रही है। आवेदिका अपने पति के साथ पिता का आशीर्वाद लिया और पिता ने आशीर्वाद दिया। आयोग ने आवेदिका के पति को समझाईश दिया कि अनावेदक जो कि आवेदिका के पिता है उनसे मिलने जुलने देना और स्वयं भी जाकर उनका ख्याल रखना अत प्रकरण आयोग ने नस्तीबद्ध किया।
अन्य प्रकरण में उभयपक्ष उपस्थित आवेदक ने अनावेदक से भरण-पोषण की राशि दिलाये जाने से संबंधित शिकायत की थी। न्यायालय से भरण-पोषण के लिए 2000 रू. एवं 1000 रू. घर किराया देना तय किया गया था जिसे मार्च महीने से नहीं दे रहा है। समझाईश दिये जाने पर अनावेदक उक्त राशि 12000 रू. देने के लिए तैयार है। सरक्षण अधिकारी सुरजपुर के कार्यालय में जाकर निराकरण कर प्रत्येक माह की तारीख तय किया जाये जिस तारीख को प्रति माह 3000 रू. संरक्षण अधिकारी के कार्यालय में अनावेदक देगा। आवेदिका का नाम तथा अनावेदिका का नाम सर्विस बुक में चढ़ाये जाने की प्रक्रिया भी करायेगा। अनावेदक चूंकि तलाक नही लिया है ऐसे में दूसरी शादी कानूनन अवैध है। ऐसी दशा में भरण-पोषण नही दिये जाने पर आवेदिका सेवा समाप्ति की कार्यवाही हेतु आवेदन आयोग में भविष्य में कर सकती है। अतः प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।
अन्य प्रकरण में आवेदक उपस्थित एवं अनावेदक अनुपस्थित आवेदिका का प्रकरण भरण-पोषण का चल रहा है। अनावेदक इलाहाबाद उ.प्र. में रहता है। अनावेदक द्वारा आवेदिका एवं उसकी बच्चों का भरण-पोषण नही दिया जा रहा है। इस प्रकरण में घरेलू हिंसा प्रकरण अनावेदक व उनके परिवार के लिए संरक्षण अधिकारी कोरिया को दिया जाता है तथा जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया। प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।