साइकिलिस्ट ग्लोबल वारियर आंदोलन की शुरुआत

Update: 2025-02-10 07:45 GMT

भिलाई। साईकिल चलाने वाला वैश्विक योद्धा है जिसके कारण पर्यावरण प्रदूषित नही होता। हर व्यक्ति को साईकिल चलाना चाहिए और सप्ताह में कम से कम एक दिन अपने आफिस इससे जाना चाहिए। लोगों में साईकिल के प्रति जनजागरूकता जगाने और उन्हें वैश्विक पर्सनैलिटी का दर्जा दिलाने के लिए साइकिलिस्ट ग्लोबल वारियर आंदोलन की शुरुआत हुई। इस दौरान प्रख्यात मॉडर्न आर्ट चित्रकार डी.एस.विद्यार्थी, विजय शर्मा, प्रकाश बंछोर, मोहित मंडावी, प्रवीण कालमेघ, भूपत राव बोरकर, हरीश देवांगन, यश दलवी, कांता देवी तथा ललित कला अकादमी, नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ से प्रथम बोर्ड मेम्बर डा. अंकुश देवांगन मौजूद थे।

सिविक सेंटर कृष्ण अर्जुन रथ परिसर में डी.एस.विद्यार्थी ने नारियल फोड़कर इस वैश्विक अभियान की शुरुआत की। प्रकाश बंछोर ने साईकिल से होने वाले शारीरिक स्वस्थता के अपने अनुभव को साझा किया। साईकिल से लेह लद्दाख की यात्रा करने वाले प्रवीण कालमेघ ने भी अपने संस्मरण सुनाये।

समाजसेवी विजय शर्मा ने कहा कि आज पूरी दुनिया भीषण प्रदूषण की चपेट में है जिसके कारण हर मौसम-बेमौसम होता जा रहा है। दिल्ली में पिछले साल 53 डिग्री तापमान पहुंच चुका है और दुनिया के हर क्षेत्र मे पर्यावरण गड़बड़ाया है इसलिए साईकिल चलाना जरूरी है। हरीश देवांगन ने बताया कि कोरोनाकाल में स्वच्छ वातावरण के कारण हिमालय पर्वत की चोटियां भी 100-150 किलोमीटर दूर से दिखाई देती थी। कार्यक्रम संयोजक डा. अंकुश देवांगन ने साइकिलिस्ट ग्लोबल वारियर आंदोलन को न सिर्फ राज्य वरन् देश दुनिया में फैलाने की बात करते हुए कहा कि विगत दशकों में हमने एक ऐसे समाज का निर्माण किया है जहां साईकिल चलाने वाले को हेय दृष्टि से देखा जाता है। उसे कंजूस और निम्न तबके का समझा जाता है यह धारणा बदलनी चाहिए क्योंकि वह ग्लोबल वार्मिंग रोकने वाला विश्व रक्षक है। उन्होंने कहा कि सप्ताह के हर सोमवार को साईकिल दिवस के रूप मे मनाया जाना चाहिए ताकि अपने हिस्से का प्रदूषण हर व्यक्ति रोक सके।

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