विधायक प्रतिनिधि समेत 9 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज

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Update: 2023-05-23 16:54 GMT
बेमेतरा। ग्राम मूलमुला में संचालित रामन्ना पोल्ट्री फार्म में हुई तोड़फोड़ में 42 दिन बाद आखिरकार पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पूरे प्रकरण में विधायक प्रतिनिधि सहित नौ लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई 11 अप्रैल को पोल्ट्री फार्म में तोड़फोड़, अनाधिकृत रूप से प्रवेश किए जाने की शिकायत पर हुई है। जोकि फार्म के मैनेजर योगेंद्र पिता अप्पा राव ने की थी। ज्ञात हो कि नवागढ़ विधायक गुरूदयाल सिंह बंजारे के विधायक प्रतिनिधि देवेंद्र साहू, उसके छोटे भाई अरमान साहू, विजय यादव प्रिंस डेहरे, अंशु केसरवानी, राहुल शर्मा, छोटू आडील, तुलसी बांधे, संतोष साहू सहित अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा के तहत चौकी चंदनू में मामला दर्ज कर लिया गया है।
गौरतलब है कि उक्त पोल्ट्री फार्म से उठने वाली बदबू को लेकर आसपास के ग्रामीण परेशान थे। जिसके लिए कई बार फार्म संचालक से शिकायत के साथ धरना भी दे चुके थे। वहीं पोल्ट्री मैनेजमेंट के बुलावे पर ग्रामीण बातचीत के लिए 11 अप्रैल को पहुंचे थे। साथ ही ग्रामीणों को यह भरोसा भी दिलाया गया था कि पोल्ट्री फार्म के मालिक स्वयं पहुंचेंगे। इस दौरान ग्रामीणों से ना केवल बात करेंगे बल्कि इस समस्या का हल भी निकालेंगे। किंतु पोल्ट्री फार्म के मैनेजमेंट और मालिक के नहीं पहुंचने से बातचीत का दौर शुरु ही नहीं हो पाया। वहीं मौके पर गैर जिम्मेदार लोगों से बातचीत के दौरान ग्रामीण आक्रोशित हो गए। हालांकि इस दौरान इन लोगों के माध्यम से पोल्ट्री फार्म के पानी सप्लाई के 4000 लीटर डीजल सहित मुर्गी आदि को तोड़फोड़ कर नुकसान पहुंचाया गया। जिसकी जानकारी शिकायत में भी दर्ज है। पोल्ट्री मैनेजर की मानें तो तोड़फोड़ से फार्म को 10 करोड़ से भी ज्यादा का नुकसान हुआ।
वहीं नवागढ़ विधायक के प्रतिनिधि सहित नौ लोगों पर मामला दर्ज होने से जिले में राजनीति गरमा गई है। दूसरी पार्टियों में मामले को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। पूरे प्रकरण में बैठक की मध्यस्थता करने स्वयं गुरूदयाल बंजारे भी पहुंचे थे, फार्म के सीसीटीवी में दर्ज पूरी घटना को देखा जा सकता है। वहीं मैनेजर की मानें तो बैठक में समस्या को जल्द हल करने का भी आश्वासन दिया गया था। इसी तरह से जिले में बिरनपुर हत्याकांड को लेकर धारा 144 सहित जिले की पूरी फोर्स व्यवस्था बिरनपुर में लगी थी। ऐसे में क्या आयोजित बैठक को लेकर क्लेक्ट्रेट से अनुमति लिया गया था। इस तरह के कई सवाल उठ रहे हैं, जो अन्य पार्टी को बोलने का मौका दे दिया है। हालांकि इस तरह के कई सवाल है, जो कि जांच के बाद सच्चाई का पता चलेगा। पूरे घटनाक्रम पर एकबारगी से नजर दौड़ाई जाए, निश्चित रूप से यह सवाल खड़ा हो रहा है कि ग्रामीणों के द्वारा संचालक के ऊपर आरोप लगाया गया था कि ग्राम पंचायत के बगैर अनुमति एवं निर्धारित मापदंड को दरकिनार कर पोल्ट्री फार्म को संचालित किया जा रहा है। पोल्ट्री फार्म में नाबालिगों से भी काम लिया जा रहा है। वहीं फार्म संचालक के द्वारा इस बात की पुष्टि करना कि आखिर 4000 लीटर डीजल किसकी अनुमति से रखा गया था।
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