पुलिस-अनिल आलू के बीच चल रहा क्रिकेट-क्रिकेट

एक बैटिंग तो दूसरा फील्डिंग में दिखा रहा है जौहर

Update: 2021-01-19 05:49 GMT

< नशीले पदार्थ, सट्टा, जुआ का कारोबार राजधानी में पूरे शबाब पर

< सटोरिए ने बनाया पेरोल जमानतियों और हिस्ट्रीशीटरों का सिंडीकेट, जिनकी मोहल्ले में चलती है बादशाहत

< पंडरी, रेलवे पटरी के पास पुराने सटोरियों का अड्डा हो रहा गुलजार 

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी में नशा और सट्टा-जुआ का कारोबार पूरी तरह उफान पर है, ऐसे अवैध कारोबार करने वाले मुख्य संचालक और असामाजिक तत्व अपने अड्डों में ना रहकर शहर के बाहर से अपने भरोसेमंद गुर्गों की मदद से इसका संचालन कर रहे है। कालीबाड़ी में रवि साहू गैंग के गुर्गे अब एक बार फिर से सक्रिय हो चुके है। ग्राहकों को सट्टा खिलाना और गांजा पिलाना उनका पुराना पेशा था।

अब नए साल के बाद से इस काम में भी नया मोड़ आ गया है। नया साल आते ही रवि साहू की गैंग में नए सदस्यों को जोड़ा गया है, ये ऐसे हिस्ट्रीशीटर है जो जेल से जमानत में या पैरोल में छूटे हुए है उन आरोपियों को गैंग में शामिल किया गया है। और अपने सट्टे के कारोबार में रवि साहू ने इजाफा भी किया है। पुलिस और अपराधियों की लुकाछिपी का खेल सालों से चला आ रहा है। वही अनिल आलू का सट्टा कारोबार भी अपनी चरम सीमा पर है 11 साल पहले अनिल आलू सट्टा में गिरफ्तार हुआ उसके बाद से पुलिस उसे आज तक पकड़ नहीं पाई है। ये लुकाछिपी का पूरा खेल छुटभैय्या नेताओं के इशारे से चल रहा है। लेकिन पुलिस ने साल 2020 में नशे पर अपना शिकंजा भी कसा था मगर 2021 में नशे का भी कारोबार बढ़ते जा रहा है।

शहर में सट्टा खिलाने वाले अनिल आलू के गुर्गे

रायपुर में पुराने सटोरिए पंडरी और राजातालाब में खुलेआम सट्टा चला रहे है। इसका प्रमाण चार दिन पहले साइकिल चोरी के इल्जाम में पकड़ाए चोर ने सिविल लाइन थाने में चोरी की साइकिल बेचने वाले के साथ सट्टा लिखने का काम पंडरी बाजार में करता है खुद पुलिस को बयान दिया था। सटोरियों की हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी कि थाने में जब छोटा पर्ची लिखने वाले इस तरह से खुलेआम बात करता है तो बड़ा खाईवाल छुटभैया नेताओं के दम पर शहर में आतंक क्यों नहीं फैलाएगा राजधानी में अपनी खुद की हुकुमत कायम करने के लिए अपराधियों का गिरोह बनाकर ही सट्टा, जुआ, शराब, गांजा जैसे नशीले कारोबार को अंजाम दे रहा है।

पुलिस तो ये ढिढोरा पिटती नजऱ आती है है कि अनिल आलू राजधानी में है ही नहीं, जबकि राजातालाब ही उसका एक ऐसा ठिकाना है जहां वो आए दिन घूमते फिरते देखा जाता है। तो ये तो वही बात हो गई बगल में छोरा और शहर ढिंढोरा। छोटे-छोटे अवैध कारोबार करके अवैध कारोबार की दुनिया में अनिल ने अंतर्राष्ट्रीय सटोरियों से डील कर पूरे देश में खाईवाली कर रहा है पिछले ताीन माह में अनिल आलू के बड़े अड्डों में और बड़े पार्टनर सट्टा के कारोबारी मुंबई और थाने पुलिस ने रंगेहाथ पकड़ा था, और अनिल आलू की तलाश जारी है। चर्चा ये भी है कि थाने मुंबई की पुलिस रायपुर अनिल आलू की तलाश में आई थी।

खबर ये आई है कि अनिल आलू के गेंग में विगत दस सालों में क्रिकेट सट्टे का कर्जा नहीं चुकाने पर पांच से 6 कारोबारियों का अपहरहण कर मर्डर किया है और इनके सभी केस मुंबई और थाने के अलग-अलग थानों में दर्ज है। और कही न कही पुलिस की विवेचना में अनिल आलू और उसकी गेंग का नाम शामिल हुआ है, जिसके कारण पुलिस अनिल आलू को बेहताशा ढूंढ रही है। छत्तीसगढ़ पुलिस अभी तक इस घटना से और विवेचना से अब तक बेखबर है। अनिल आलू का सट्टा कारोबार पूरे शहर में सुबह से लेकर रात तक चलता है। उसके गुर्गे आए दिन लाखों रुपयों की हेरा-फेरी कर सट्टा खिलाते है।

कमजोर धाराओं की आड़ में सट्टेबाजों की हो जाती जमानत

सटोरिये और जुआ कारोबारियों की हिम्मत इतनी बढ़ गई है क्योकिं राज्य में कमजोर धाराओं का बसेरा है। और छुटभैय्या नेताओं के एक फोन कॉल से ही जमानत की अर्जी मंजूर हो जाती है। जिसके चलते रवि साहू गैंग, अनिल आलू गैंग, तंजील गैंग, नत्थानी गैंग, आसिफ गैंग खुलेेआम अपना सट्टा-जुआ चलाने के बाद भी कमजोर धाराओं के चलते पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सकते है। जबकि सभी जानते है कि प्रदेश में आईपीएल हो या न हो सट्टा और जुआ के साथ बेरोजगारों को कर्ज देकर नशेडिय़़ों को गांजा, कोकीन पहुंचाने के लिए मोटर साइकिल देकर कोरियर ब्वाय बना उन्हें भी फ्री में सुट्टा लगवाकर बेगारी करवा रहे है। यानी सट्टा पट्टी लिखवाने का काम सौंप पर कमीशन के काम से लगा दिया जाता है। सबसे बड़ी बात यह है कि सट्टा जुआ की कमजोर धाराओं से पुलिस को भी सट्टा-जुआ पकडऩे के बाद तत्काल जमानत देकर छोडऩा पड़ता है और यहीं कारण है कि सटोरियों और जुआरियों को बार-बार कानून तोडऩे का मौका मिल जाता है।

सट्टेबाजों का शहर में बढ़ा आतंक

पुलिस तो समाज से इस नशे और सट्टे के कारोबार का पूरा इलाज करना चाहती है। और इस बीमारी को तो जड़ से मिटाना ही पुलिस का मकसद है मगर जमानती धाराओं से तो पुलिस भी परेशान है। कमजोर धाराओं के चलते थाने से ही जमानत पर छोडऩ़ा पड़ता है। राजधानी में सट्टे के कारोबारियों ने सट्टा खिलाने का एक बड़ा ही नया और नायब तरीका ढूंढ निकाला है, अब सट्टेबाज सट्टा-पट्टी नहीं काट रहे बल्कि ऑनलाइन एप पर पैसों का लेन-देन कर सट्टा खिला रहे है। आईपीएल सीजन का रोमांच प्रारंभ होते ही सट्टा कारोबार चलते रहता है। साथ ही मैच में लगने वाले सट्टा व्यापार भी चरम सीमा पर है। शहर की पुलिस भी कोई कसर नहीं छोडऩा चाह रही है। रायपुर शहर में आए दिन सट्टेबाज और जुआरी पकड़े जा रहे है मगर उसके बाद भी ये लोग अपने अवैध कारोबार को बंद नहीं कर रहे है। शहर में आए दिन सट्टा खिलाने के आरोप दर्जनों को पुलिस गिरफ़्तार कर रही है मगर इनकी गिरफ़्तारी का कोई खास असर रायपुर में नहीं दिख रहा है उसका एक ही कारण है ऑनलाइन एप्लीकेशन के जरिए सट्टा खिलाया जाता है।

सट्टा कारोबार में 10 लाख तो शो मनी

सट्टा कारोबार जिले के आसपास के क्षेत्र में फल फूल रहा है। राजधानी में सट्टा खाईवालों की फौज खड़ी हो गई है। सूत्र बताते हैं कि शहर में कई ऐसे स्थान हैं, जहां शाम होते ही महफिल सज जाती है। माना जा रहा है कि राजधानी में रोजाना लाखों रुपये का सट्टा और जुआ खेला जा रहा है। सूत्रों की मानें तो राजधानी में कई ऐसी जगहों में जुआ संचालित हो रहा है, जहां पांच से 10 लाख रुपये शो मनी रखी गई है। सटोरियों को लाइन देने वालों को यह जानकारी पहले से होती है। खाईवाल तीन सेशन में बांटकर दांव लेते हैं। पहला सेशन एक से छह ओवर में कितना रन बनेगा। दूसरा 12 ओवर और तीसरा 20 ओवर में टीम के कितने रन बन सकते हैं। इसके अलावा हर गेंद, हर ओवर, बल्लेबाज, गेंदबाज के पर दांव लिया जाता है।

शहर के युवा और व्यापारी हो रहे बर्बाद

जनता से रिश्ता की टीम ने कोतवाली क्षेत्र के सीएसपी से जब बात की तो वे तत्काल सीएसपी ने मोटरसाइकिल पर सवार होकर जनता से रिश्ता के पत्रकारों की टीम के साथ कालीबाड़ी स्थित रवि के ठिकानों पर दबिश दी, और तीन-चार जगहों पर जा धमके, लेकिन किसी ने सट्टा किंग रवि को पहले ही बता दिया की पुलिस आ रही है। सारे ठिकानों में ताला जड़ दिया गया था, अब देखने वाली बात ये है कि बेधड़क चलने वाले सट्टा, जुआ के खिलाफ अभियान चलाने के लिए तैयार पुलिस अधिकारी छुटभैया नेताओं के दलाली के कारण हाथ खींच लेते है, जिसके कारण ये धंधा खूब फल-फूल रहा है और शहर के युवाओं और व्यापारियों को बर्बाद कर रहा है।

Tags:    

Similar News

-->