कोर्ट का फैसला, रेपिस्ट को सुनाई 20 साल की सजा

Update: 2022-06-02 09:25 GMT

बिलासपुर। बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले युवक को पाक्सो एक्ट के तहत 20 साल के सश्रम कारावास की सजा विशेष अपर सत्र न्यायाधीश पेंड्रा की ओर से सुनाई गई है। घटना सात जनवरी 2021 को पेंड्रा थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई थी। बच्ची नौ साल तीन महीने की थी। उसकी मां सब्जी लेने के लिए बिलासपुर गई हुई थी। तभी उसके पड़ोस में रहने वाला आरोपित 19 वर्षीय लक्ष्मण सारथी अचानक घर में घुस गया और अकेली बच्ची के साथ दुष्कर्म कर वहां से भाग गया था। इसके बाद भी आरोपित पीड़िता के घर आते जाते रहता था और बच्ची की मां को सब्जी के व्यवसाय में सहयोग करता रहा।

उधर बच्ची ने डरे सहमे होने के कारण इसकी जानकारी किसी को नहीं दी पर कुछ दिन बाद लगातार पेट दर्द होने पर पीड़िता ने पूरी घटना की जानकारी स्वजनों को दी। तब स्वजनों ने कोटमीकला पुलिस चौकी को इस वारदात की जानकारी दी। इस मामले में पेंड्रा थाने में आरोपित के खिलाफ भादवि की धारा 449, 376 और पाक्सो एक्ट की धारा 5-ड/6 के तहत अपराध दर्ज करते हुए आरोपित को 31 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में विशेष अपर सत्र न्यायाधीश किरण थवाईत ने आरोपित लक्ष्मण सारथी को दोषी पाते हुए लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के तहत 20 साल के सश्रम कारावास और 1000 रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाई है। कारावास से दंडनीय सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। अर्थंदंड की चूक पर एक माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी।

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