अवैध उगाही के आरोप में गिरफ्तार पत्रकार को कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेजा जेल

Update: 2021-03-23 14:30 GMT

रायपुर। जबरन वसूली और ब्लैकमेलिंग मामले में गिरफ्तार हुए पत्रकारों को आज माना थाना पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। अदालत में सुनवाई के बाद जज भूपेंद्र कुमार वासनीकर मुख्य न्यायिक मेजिस्ट्रेट एवं प्रथम व्यव्हार ने आज इस मामले में आरोपी पत्रकारों को न्यायिक रिमांड में भेज दिया है। आपको बता दें कि माना थाना पुलिस ने पिछले दिनों होटल संचालक से ब्लैकमेलिंग और पैसा उगाही के मामले में तीन पत्रकारों को गिरफ्तार किया था जिसके बाद माना थाना प्रभारी ने मुख्य आरोपी सुनील नामदेव के घर जाकर उसकी गिरफ्तारी की जिसका विरोध करते हुए सुनील नामदेव ने टीआई के साथ गाली गलौज की और जान से मरने की धमकी देने लगा जिस पर टीआई ने खुद अपने ही थाने में सुनील की एफआईआर लिखवाई। पत्रकारिता जगत के लिए पिछले दो सालों में वेबपोर्टलों में अनेक समस्याएं खड़ी कर दी है। हर रोज धौंस-धपट के साथ अवैध वसूली की खबरों ने पत्रकारिता जगत को कलंकित कर दिया है। जनता से रिश्ता लगातार इस तरह की घटना को शासन -प्रशासन के संज्ञान में लाने की लगातार कोशिश करते रहे है। जनता से रिश्ता की खबर पर रोज पुलिस की कार्रवाई से सच की मुहर लग रही है।

ये था पूरा मामला

रेस्टोरेंट संचालक से अवैध उगाही के मामले में माना कैंप थाना पुलिस ने तीन वेब पत्रकारों के खिलाफ अपराध कायम किया है। जिसमें दो पत्रकारों को पुलिस रिमांड में लिया गया है। और एक को पुलिस ने हिरासत में लिया है। मगर जब माना थाना पुलिस ने गिरफ्तारी की कार्रवाई करने एक आरोपित को लाई तो पत्रकार ने थाना प्रभारी से हुज्जटबाजी की और कालर पकड़कर धमकाया भी। मामले में शासकीय कार्य में बाधा डालने का केस भी दर्ज किया गया। माना पुलिस थाना प्रभारी दुर्गेश रावटे ने बताया कि वीआइपी रोड स्ट्रीट इसिता पैराडाइस ब्लाक एक, तेलीबांधा निवासी सर्वेश द्धिवेदी (28) का वीआइपी रोड पीटीएस चौक पर एबोय एंड बियोन नाम से रेस्टोरेंट है। रेस्टोंरेंट का एक साल पूरा होने पर छह फरवरी को ग्राहकों के लिए बाकायदा प्रशासन से अनुमति लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।

वीडियो वायरल करने की दी थी धमकी

रेस्टोंरेंट के जीएम का वीडियो वायरल करने की धमकी देकर अवैध तरीके से 30 हजार रुपये वसूल लिए, फिर और पैसे मांगने लगे। जीएम ने पैसे देने से मना किया तो बदनाम करने की धमकी दी। इस दौरान आरोपितों ने रेस्टोंरेंट स्टाफ आशीष नामदेव (जीएम), रामदास, धवल सुना, महिला स्टाफ व ग्राहकों के साथ गाली-गलौज करने लगे। तब कई ग्राहक डरकर चले गए। इस घटना के बाद से रेस्टोरेंट में ग्राहकों की आवाजाही काफी कम हो गई, जिससे रेस्टोंरेंट को आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है। इस बीच दीदी का स्वास्थ्य खराब होने पर अचानक सर्वेश द्विवेदी को मुंबई जाना पड़ा, जिसकी वजह से थाने में शिकायत नहीं कर सके। शनिवार को मामले की शिकायत पर पुुलिस ने तीनों के खिलाफ धारा 294,384,34 का अपराध कायम कर लिया। मामले में सुनील नामदेव और साजिद को गिरफ्तार कर लिया, जबकि शहबाज को हिरासत में लिया गया है।

मोबाइल के जांच में हुआ बड़ा खुलासा

मोबाइल में नक्सली पर्चा, कोर्ट ने जारी किया सर्च वारंट सुनील नामदेव मामले में पुलिस ने न्यायालय से सर्च वॉरेंट की मांग की थी जिसमें कोर्ट से आदेश आ गया जिसमें कोर्ट ने लिखा कि सुनील नामदेव जिसका घर और ऑफिस आनंद वाटिका माना थाना कैम्प रायपुर में स्थित है, जहां पुलिस जाकर सर्च करेगी। और अपराध से संबंधित साक्ष्य को ही पुलिस जब्त करेगी। और बाकि वस्तुओं और सामानों को पुलिस हाथ तक नहीं लगाएगी। पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान पहले तो आरोपी के पास कोई मोबाइल नहीं मिला था और जब मोबाइल मिला तो पुलिस ने उसकी जांच की जिसमें पुलिस को मोबाइल डीटेल के साथ नक्सली पर्चा भी मिला। अब पुलिस ने मामले को एक और दिशा में जांच करने की सोची है। कही आरोपी सुनील नामदेव नक्सली लोगों के लिए तो काम नहीं कर रहा था ये भी एक प्रश्नवाचक चिन्ह बना हुआ है। और सिर्फ सुनील के मोबाइल से ही नहीं बल्कि आरोपी साजिद के मोबाइल से भी नक्सली पर्चा पुलिस को मिला है जिसकी पूरी जांच पुलिस कर रही है।

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