CG में कारोबारी की हत्या करने वाले को कोर्ट ने भेजा जेल

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Update: 2024-08-27 17:22 GMT
Ambikapur. अंबिकापुर। अंबिकापुर के कारोबारी अक्षत अग्रवाल (23) की गोली मार हत्या करने वाले आरोपी संजीव मंडल को पुलिस ने जेल भेज दिया है। मंगलवार को उसकी रिमांड खत्म हो गई थी। पुलिस ने आरोपी को घटना स्थल पर ले जाकर सीन रिक्रिएशन भी कराया। लेकिन तीन दिन की जांच में कोई नया तथ्य सामने नहीं आया। दरअसल, मनेंद्रगढ़ मार्ग पर स्थित अंबिका स्टील इंडस्ट्रीज के संचालक महेश केडिया के बेटे अक्षत की 20 अगस्त को हत्या कर दी गई थी। उसे कंपनी के पूर्व कर्मचारी संजीव केडिया ने 3 गोलियां मारी थी। आरोपी संजीव मंडल की निशानदेही पर अक्षत अग्रवाल का शव बरामद किया गया था। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से तीन पिस्टल और 31 गोलियां बरामद की थी। आरोपी ने बताया कि, तीनों पिस्टल और 34 गोलियां अक्षत लेकर आया था। आरोपी ने पुलिस को बयान दिया था कि अक्षत ने खुद को मारने की सुपारी दी थी। 50 हजार रुपये नगद के साथ दो सोने की चैन, ब्रेसलेट और अंगूठियां दी थी। पुलिस ने कई राउंड आरोपी से अलग-अलग तरीके से पूछताछ की, लेकिन आरोपी पुराने बयानों पर अड़ा रहा।

अक्षत के जेवर और कैश पुलिस ने आरोपी के पास से जब्त कर लिया है। गांधीनगर थाना प्रभारी प्रदीप जायसवाल ने बताया कि, घटना को लेकर कोई नई जानकारी सामने नहीं आई है। आरोपी ने पहले बयान दिया था उसकी सत्यता जांचने के लिए सीसीटीवी कैमरों की जांच की गई। पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों (सीसी कैमरा, मोबाइल) का भी सहारा लिया। जहां-जहां दोनों गए थे, वहां उनकी उपस्थिति के प्रमाण मिले हैं। अक्षत के परिजनों से भी पुलिस ने सामान्य पूछताछ की है। परिजनों ने आरोपी संजीव मंडल के बयान को भ्रामक और गुमराह करने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि अक्षत कभी भी घरवालों की जानकारी के बिना घर से बाहर नहीं जाता था। घर में किसी तरह से कोई पारिवारिक विवाद नहीं था। अक्षत को किसी प्रकार का तनाव भी नहीं था कि वह आत्महत्या या सुपारी जैसा कोई कदम उठाता। इस मामले में अक्षत के पिता महेश केडिया ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंप कुछ बिंदुओं पर संदेह जताया था। घर में अक्षत के पास रहने वाले पैसे गायब हैं। मामले में पुलिस जांच से परिजन और अग्रवाल समाज के लोग संतुष्ट नहीं है। अग्र समाज ने चरणबद्ध आंदोलन का निर्णय लिया है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार अब तक मामले में कोई लीड नहीं मिली है। सोशल मीडिया प्रोफाइलिंग भी की जा रही है। जरूरत पड़ी तो फिर से संजीव मंडल को पुलिस रिमांड पर ले सकती है।
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