कोरोना का असर : कहीं जलेगा छोटा पुतला, कहीं सिर्फ रावण वध

राजधानी के डब्ल्यूआरएस कालोनी में छत्तीसगढ़ का सबसे भव्य रावण का पुतला इस बार सांकेतिक रूप से जलाया जाएगा। पहले जहां इस पुतले की ऊंचाई 100 फीट से ज्यादा होती थी

Update: 2020-10-25 05:52 GMT

> विजयादशमी पर आज राजधानी में इन जगहों पर मनेगा दशहरा उत्सव

रायपुर (जसेरि)। राजधानी के डब्ल्यूआरएस कालोनी में छत्तीसगढ़ का सबसे भव्य रावण का पुतला इस बार सांकेतिक रूप से जलाया जाएगा। पहले जहां इस पुतले की ऊंचाई 100 फीट से ज्यादा होती थी, वहीं इस बार केवल 10 फीट का ही बनाया गया है। इस बार न तो रामलीला का मंचन होगा और न ही मनमोहक आतिशबाजी होगी। इसके अलावा सबसे ऐतिहासिक लगभग 200 साल पुराने आयोजन स्थल दूधाधारी मठ के अंतर्गत रावण भाठा मैदान में भी मात्र रावण वध की परंपरा का पालन ही किया जाएगा। इस बार दो दिवसीय विजयादशमी तिथि होने से कहीं रविवार को, तो कहीं सोमवार को रावण दहन की परंपरा सादगी से निभाई जाएगी।

डब्ल्यूआरएस कालोनी में सोमवार को दशहरा पर्व

डब्ल्यूआरएस कालोनी सार्वजनिक दशहरा उत्सव समिति के प्रमुख सदस्य, विधायक कुलदीप जुनेजा ने बताया कि इस बार कोरोना महामारी के चलते सादगी से रावण दहन करने की परंपरा निभाई जाएगी। शासन के नियमों के चलते मात्र 10 फुट ऊंचा रावण का पुतला बनाया गया है। किसी भी तरह का सांस्कृतिक आयोजन नहीं होगा। सोमवार को शाम सात बजे समिति के सदस्य, सेवादार ही रावण दहन करने की परंपरा का पालन करेंगे।

दूधाधारी मठ

दूधाधारी मठ के महंत राम सुंदर दास ने बताया कि हर साल भगवान बालाजी की पालकी उत्साह से निकाली जाती है। रामलीला के कलाकार राम, लक्ष्मण, हनुमान का रूप धारण कर वानर सेना के साथ मठ से निकलकर गाजे बाजे के साथ मैदान पहुंचते थे। इस बार मठ के सेवादार ही मैदान तक सादगी से जाकर दशहरा पर्व पूजा की परंपरा निभाएंगे। भव्य मेले का आयोजन नहीं होगा। यहां रविवार को शाम सात बजे के बाद सादगी से परंपरा निभाई जाएगी।

छत्तीसगढ़ नगर

टिकरापारा स्थित छत्तीसगढ़ नगर दशहरा उत्सव समिति के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने बताया कि कोरोना के चलते इस बार सादगी से मात्र 10 फुट ऊंचे रावण के पुतले को दहन करने की परंपरा निभाई जाएगी। रविवार शाम सात बजे आयोजित कार्यक्रम में समिति के सदस्य ही शामिल होंगे। भगवान श्रीराम से कोरोना महामारी खत्म होने और महामारी से ग्रस्त मरीजों के स्वस्थ होने की कामना की जाएगी। भीड़ न बढ़े इसलिए पूरे मैदान में बेरिकेड्स लगाए गए हैं। किसी को भी भीतर प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।शंकर नगर के बीटीआइ मैदान में 72 साल से दशहरा पर्व मनाया जा रहा है। इस बार मात्र रावण दहन की औपचारिकता निभाई जा रही है। 

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