कोरोना और लॉकडाउन की वापसी ने निकाला गरीब जनता का तेल

Update: 2021-04-08 06:19 GMT

जीवन रक्षक दवाई से लेकर गुटखा, तंबाखू, गुड़ाखू की जमकर हो रही कालाबाजारी

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। एक बार फिर शहर की आम जनता के सामने लॉकडाउन जैसी चुनौती सामने आ गई है। जहां कोरोना वायरस की संकट लोग झेल रहे है वहीं अब सामानों में कालाबाजारी भी की जा रही है। जिसमें लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए जिला प्रशासन ने रायपुर में भी लॉकडाउन की घोषणा कर दी है। लेकिन इस लॉकडाउन की आड़ में कुछ व्यापारी दैनिक आवश्यकताओं की चीज़ों में भी दाम बढाकर बेचने लगे है शाम होने से पहले ही लोगों की भारी भीड़ बाजार में देखने को मिली वही कोरोना गाइडलाइन के अनुसार जहां 6 बजे के बाद से सभी दुकानों को बंद करने का आदेश कलेक्टर ने दे रखा है उसको ध्यान में रखते हुए लोगो ने 6 बजे से पहले से ही बाजार में भीड़ लगानी शुरू कर दी थी। वही कुछ व्यापारी इस भीड़ का फायदा भी उठाने लगे है और महंगे दामों में लोगों को हर सामान बेच रहे है। लोगों में एक तरफ कोरोना को लेकर काफी डर का माहौल बना हुआ है रोजाना राज्य में 6000 से ज्यादा मरीज़ कोरोना संक्रमित पाए जा रहे है। और लगातार मौतों की संख्या में इजाफे बढ़ रहे है। कोरोना वायरस के खिलाफ पूरा भारत देश लड़ रहा है। वही कई राज्यों में लॉकडाउन अब भी जारी है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने का सिर्फ एक ही इलाज है वो है लॉकडाउन जो हर राज्य की सरकारों ने लगाया था। जिससे ये संक्रमण धीरे-धीरे कम होने लगा था। लेकिन अब एक बार फिर से ये संक्रमण अपनी रफ़्तार बढ़ाने लगा है।

सब्जियां हुई महंगी : सब्जियों के दाम अचानक से बेहद बढ़ गए है और कोरोना वायरस की दहशत के चलते लोगों ने सब्जियों की भी एकमुश्त खरीदारी करनी शुरू कर दी है सप्लाई तो ठीक है लेकिन मांग बेहद बढऩे और अफवाहों के चलते सब्जियों के भाव भी लगातार बढ़ रहे है। आलू और प्याज की कीमतों में लगभग दोगुना इजाफा हो गया है।

राशन का सामान महंगा

कई दुकानों पर लोग दो-दो महीने तक का राशन खरीद रहे हैं और इसके चलते कई रसोई के सामान की कीमतो में भी इजाफा देखा जा रहा है, जो दुकानदार खुला सामान बेचते हैं उन्होंने अपने उत्पादों के दाम में बढ़ोतरी की है, राजधानी में अब हर सामानों की कीमतों में बढ़ोत्तरी आ गई है। लॉकडाउन में लोगों को ये हिदायत भी है कि बेहद जरूरी काम होने पर ही लोग घरों से बाहर निकलें। लेकिन रापुरियंस ये नहीं समझ रहे है लोगों में कोरोना को लेकर डर तो है लेकिन वही लॉकडाउन में दी गई छूट का गलत फायदा भी उठाया जा रहा है। दैनिक सामानों का हर तरह से दाम बढाकर लोगों को परेशान किया जा रहा है।

खाद्य तेल महंगा होगा

खाद्य तेल की कीमतों में भी जबरदस्त वृद्धि का रुझान हो गया है सरसों और वनस्पति की कीमत पांच रुपये प्रतिकिलो तक सरकारी आंकड़ों में बढ़े है। बाजार में यह इजाफा दस रुपये प्रतिकिलो तक है। रायपुर में सरसों का तेल 130 रुपये पर पहुंच गया, जबकि एक सप्ताह पहले तेल की कीमत 117 रुपये प्रति किलो थी। गेंहू के आटा और चावल की कीमत भी बढ़ी है।

संक्रमण को रोकने के लिए लगा लॉकडाउन

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए लॉकडाउन किया गया है। कोरोना वायरस और लॉकडाउन से खौफजदा लोग घर में सामानों को इकठ्ठा कर रहे हैं। जबकि लॉकडाउन के चलते लोगों को जरूरी सेवाओं के लिए तो छूट दी गई है लेकिन ये हिदायत भी है कि बेहद ज्यादा जरूरी काम होने पर ही लोग घरों से बाहर निकलें।

दूध भी हुआ महंगा

लॉकडाउन के चलते छत्तीसगढ़ के जिलों में लोग दूध के लिए सबसे ज्यादा परेशानी की बात मान रहे है कलेक्टर द्वारा जारी किये गए आदेश में लिखा हुआ है कि दूध और जरूरी सामानों की कमी नहीं होने दी जाएगी इसके बावजूद लोग जरूरत से ज्यादा दूध खरीद रहे हैं। और इसके चलते खुला दूध बेचने वाले दुकानदारों ने दूध की कीमतें बढ़ा दी है रायपुर के कई इलाकों से ऐसी तस्वीर सामने आई जहां लोगों ने दूध के काउंटर्स पर भारी भीड़ देखने को मिलती है।

आकाशवाणी के पीछे डीजी बंगले के पास गांजा-चरस-अफीम की बिक्री

आपदा को अवसर बनाने का खेल माफिया कर रहे है। लॉकडाउन को तस्करों ने कमाई का जरिया बना लिया है। 10 रुपए की गांजा की पुडिय़ा को सौ रुपए में खरीदने के लिए नशेडिय़ों की भीड़ डीजी बंगले के पीछे आकाशवाणी की बस्तियों की गलियों में और काली बाड़ी नेहरू नगर हनुमान नगर, संजय नगर, संतोषी नगर में नशेडिय़ों की भीड़ देखा जा सकती है। 10 दिन का लॉकडाउन की घोषणा के बाद नशेडिय़ों ने स्टाक जमा करने मनमाने दाम पर तस्करों से गांजा, चरस, अफीम खरीद रहे है। जहां सोशल डिस्टेसिंग के साथ धारा 144 की धज्जियां उड़ाई जा रही है।

मास्क और सेनिटाइजर महंगे : एक ही दिन में ही मास्क और सेनिटाइजर की कीमतें तो पहले से ही आसमान छूने लगी है लेकिन हाल ही में सरकार ने मास्क और हैंड सेनिटाइजर की कीमतों के लिए मानक तय किए है जिसके बाद इनकी कीमतों में आ रही तेजी पर कुछ लगाम लगी है। वहीं मास्क और सेनिटाइजर तो अब भी लोगों के पहुंच से दूर है। जहां मास्क और सेनिटाइजर मिल भी रहे हैं। वहां की कीमतों में अभी भी बढ़ोतरी है।

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