जगदलपुर। मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल डिमरापाल में सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही सीडीओ सेक्युरिटी प्रबंधन के मालिक अंजनी कुमार द्विवेदी ने आज मेडिकल कॉलेज परिसर में कर्मचारियों को खुलेआम धमकी दी कि यदि वे हड़ताल करेंगे तो उन्हें तत्काल नौकरी से निकाल दिया जाएगा। गौरतलब होकि मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल डिमरापाल के सुरक्षा गार्ड लगभग विगत 6 माह से लगातार वेतन संबन्धित समस्यायों को लेकर संघर्षरत हैं। कर्मचारियों ने बताया कि पूर्व में उन्हें शासन द्वारा तय न्यूनतम वेतनमान तक नही दिया जाता था। उन्हें महज़ 6000 मासिक अनुसार भुगतान किया जाता था। कर्मचारियों ने जनसभा संगठन की सदस्यता ली और उसके प्रयासों के बाद विगत 2 माह से अब कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन रुपये 9 हज़ार 5 सौ 40 के अनुसार वेतन और साप्ताहिक अवकाश मिलने लगा है।
वर्तमान में कर्मचारियों को प्रत्येक माह वेतन तय समय पर नही मिल रहा है, जिस कारण हर माह उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस बात की अनेकों बार मौखिक शिकायत सुपर वायजरों, स्थानीय प्रबंधक से करने के बाद भी सुनवाई नही होने पर कर्मचारियों ने 15 तारिक तक पेमेंट नही आने पर सामूहिक रूप से कामबंदी का एलान किया है। इस एलान के बाद कंपनी के मालिक जगदलपुर पहुंचे और कर्मचारियों को सामुहिक रूप से बुलाकर धमकी दिया कि जो कोई हड़ताल करना चाहते हैं करो लेकिन वो जान ले कि वह दिन उनके नौकरी का अंतिम दिन रहेगा।
बाहर की कंपनियां बस्तर के लोगों को मा धमकाए, हम अपने लोगों के हक़ अधिकार के किये लड़ेंगे -डॉ. अरुण पाण्डेय्
जनसभा के प्रदेश अध्यक्ष व कामगार सभा के प्रमुख संरक्षक डॉ. अरुण पाण्डेय् ने कहा कि बाहर से आए हिये कंपनी संचालक बस्तर के स्थानीय कामगारों को धमकी ना दें। बल्कि महीने भर काम करने के बाद समय पर उनका वेतन दे दिया करें। अगर कंपनी समय पर वेतन दे देगी तो किस माह विवाद की स्तिथि उत्पन्न ही नही होती। लेकिन न्यूनतम वेतनमान में महीने भर सेवा देने के उपरांत भी अगर कामगारों को कंपनी वेतन नही देगी तो कर्मचारियों के जीवन यापन में समस्या उत्पन्न होने लगती है। इसी कारण अब वे कामबंदी करने के लिए मजबूर हुए हैं। उन्होंने कहा कि जनसभा सदैव बस्तर के स्थानीय लोगों व उसके कामगारों के साथ कन्धे से कंधा मिलाकर हक़ अधिकार की लड़ाई में साथ खड़ा है। कंपनी प्रबंधन अपनी गीदड़ धमकी अपने जेब में रखें, उन्होंने कंपनी के मालिक द्वारा दिए गए धमकी के संबन्ध में श्रम विभाग में शिकायत दर्ज कराने की बात भी कही है।