भिलाई स्टील प्लांट में कांट्रेक्टर विवाद, बीएसपी प्रबंधन के खिलाफ खोला मोर्चा
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भिलाई। भिलाई स्टील प्लांट कांट्रैक्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने बीएसपी प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने बीएसपी प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि वह अपने करीबी लोगों व बाहरी लोगों को काम देने के लिए उन्हें मानसिक रूप से परेशान करने का काम कर रहे हैं। इसे लेकर सुपेला कॉफी हाउस में एक बैठक भी बुलाई गई। एसोसिएशन के अध्यक्ष वीएस त्रिपाठी ने बताया कि बीएसपी प्रबंधन अपनी मनमानी करते हुए सीएसए गेट नंबर 2 को चार पहिया वाहनों के लिए बंद कर दिया है। वहां से ठेकेदार कार लेकर नहीं जा सकते हैं। ऐसा करने से ठेकेदारों को पैदल जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इसके लिए बीएसपी प्रबंधन से शिकायत की गई।
लेकिन कोई हल नहीं निकाला गया। बीएसपी प्रबंधन आईआर क्लीयरेंस नहीं कर रहा है। इसी मद के जरिए ठेकेदार अपने कर्मचारियों को त्यौहार के समय में ईपीएफ, ईएसआई का भुगतान करता है। दुर्गा पूजा, ईद आदि त्यौहार में ठेकेदार अपने पास से श्रमिकों का भुगतान कर रहा है, लेकिन जब आईआर क्लीयरेंस के लिए पेपर लगाता है तो नए-नए नियम बताकर उसे नहीं दिया जा रहा है। ऐसा करने से अब अक्टूबर महीने में त्यौहार पड़ने पर ठेकेदार भुगतान करने में असमर्थ साबित हो रहे हैं। ठेकेदारों का कहना है कि यदि श्रमिक कोई शिकायत या प्रदर्शन करते हैं। या अन्य कोई कदम उठाते हैं तो इसके लिए जिम्मेदार बीएसपी प्रबंधन होगा।
ठेकेदार लाइसेंस नवीनीकरण के आवेदन को कर रहे अमान्य
एसोसिएशन के उपाध्यक्ष नवीन कुमार का कहना है कि बीएसपी का कांट्रेक्ट विभाग रजिस्टर्ड ठेकेदारों से काम लेता है। वहीं दूसरी तरफ बीएसपी का ओ एंड एम विभाग लाइसेंस नवीनीकरण नहीं कर रहा है।
छोटे ठेकेदारों को किया जा रहा बेरोजगार
ठेकेदार नवीन कुमार का कहना है कि बीएसपी में अभी तक जो भी टेंडर होता था वो एक से दो साल की समयावधि के लिए होता था। इससे टेंडर कास्ट 50 लाख से लेकर 1 करोड़ तक की होती थी। अभी नया नियम ला दिया गया है। अब टेंडर की अवधि को बढ़ाकर 3-5 साल का किया जा रहा है। इससे एग्रीमेंट अमाउंट अधिक हो जा रहा है। साथ ही ठेकेदार द्वारा जमा की जाने वाला सिक्यूरिटी अमाउंट भी बढ़ रहा है। इससे इन टेंडर की दौड़ से छोटे व क्षेत्रीय ठेकेदार बाहर हो जा रहे हैं। बीएसपी जहां अब तक 30 ठेकेदार मिलकर काम करते थे। नया नियम लाने से वो मात्र 3 रह गए हैं। बाहर की कंपनी पूरे ठेके को लेकर काम कर रही हैं।