रायपुर। कांग्रेस के जनघोषणा पत्र के वादे को पूरा करने के लिए प्रदेश के संविदा कर्मचारी 3 जुलाई से हड़ताल में हैं. जेल भरो आंदोलन, आमरण अनशन और महिला कर्मचारी द्वारा राहुल गांधी, प्रियंका गांधी को अपने खून से पत्र लिखने बाद भी सरकार इनसे संवाद स्थापित नहीं कर रही है, जिससे खफा संविदा कर्मचारियों ने 26 जुलाई को संवाद रैली के माध्यम से प्रदर्शन कर सरकार से संवाद स्थापित करने अपील करेंगे. भारी बारिश के बाद भी हजारों की संख्या में संविदाकर्मी सोमवार को धरना स्थल पर एकत्रित हो रहे हैं. वहीं रविवार को 3 और अनशन में बैठे संविदाकर्मियों को अस्पताल भेजा गया.
छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रांताध्यक्ष कौशलेश तिवारी का कहना है कि संविदा कर्मचारियों ने वेतन को लेकर कभी भी हड़ताल नहीं किया है. हम 21 दिनों से हड़ताल में मात्र सरकार को अपने जनघोषणा पत्र के बिंदु क्रमांक 11 में किए गए संविदा कर्मचारियों के नियमितिकरण को पूरा करने के लिए बैठे हैं. विडंबना है कि सरकार के पौने पांच साल कार्यकाल बीत जाने के बाद भी हमसे किया गया वादा पूरा नहीं किया गया है. इसके विपरित जब कर्मचारी वादे को पूरा करने हड़ताल में बैठे है तो सरकार उनसे संवादहीनता को स्थिति में है, जबकि स्वस्थ लोकतंत्र में सरकार के साथ संवाद कायम होने चाहिए. उन्होंने कहा कि पहली बार छत्तीसगढ़ के इतिहास में कर्मचारियों द्वारा बड़ी संख्या में जेल भरो आंदोलन, आमरण अनशन और महिला कर्मचारियों द्वारा अपने खून से वादा पूरा करने पत्र लिखने के बाद भी सरकार अपने वादे पूरा नहीं कर रही है यह गंभीर स्थिति है. संवाद रैली तूता धरना स्थल से मंत्रालय तक जाएगी.