पांडवपारा कालरी। सुरक्षा की अनदेखी कोयला खदानों में काम करने वाले मजदूरों को भारी पड़ रही है। झिलमिली खदान में कार्य के दौरान ऊपर से एक पत्थर का टुकड़ा ठेका मजदूर पर गिरा, लेकिन पत्थर गिरते देख उसने अपने सिर और चेहरे को हटाया लेकिन पूरा शरीर नही हटा पाया और दोनो जांघ पर पत्थर गिरने से मजदूर घायल हो गया।जिसका इलाज अस्पताल में जारी है।जहां दोनो पैर टूटने की बात कही जा रही है। जानकारी अनुसार जिला कोरिया के पाण्डवपारा में एसईसीएल द्वारा संचालित झिलमिली भूमिगत खदान में ठेका मजदूर राजाराम काम करने गया था जहां खदान के अंदर कोल कटर मशीन के जाने हेतु रास्ता साफ के दौरान फैंसी रॉड को उठा रहा था तभी उसके ऊपर बड़ा सा पत्थर गिरा जिससे बचते हुए मजदूर ने सिर चेहरा तो बचा लिया लेकिन पूरा शरीर नहीं बचा पाया और उसके दोनों जांघ पर पत्थर जा गिरा जिससे उसके दोनों पैर की हड्डी टूट गए और वह घायल हो गया।
जिसे आनन फानन में पांडवपारा अस्पताल लाया गया जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे चर्चा अस्पताल ले जाया गया जहां गहन इलाज हेतु अपोलो बिलासपुर रेफर कर दिया गया जहां घायल मजदूर का इलाज जारी है। घायल मजदूर के परिजन के अनुसार दोनो जांघ के हड्डी टूटने के कारण रॉड लगाकर ऑपरेशन कर दिया गया है। फिलहाल मजदूर को खतरे से बाहर बताया जा रहा है।बताया जाता है कि एसईसीएल झिलमिली अंडर ग्राउंड माइंस में होने वाली दुर्घटनाओं में जनहानि रोकने सहित कम समय में अधिक उत्पादन के लिए नई तकनीक का कोल कटर मशीन का उपयोग प्रबंधन द्वारा किया जा रहा है। इस मशीन के लिए ठेका कंपनी ने स्थानीय और बाहरी मजदूरों को काम पर रखा है। इसी फर्म के राजाराम नाम का मजदूर उक्त मशीन हेतु खदान के अंदर रास्ता बना रहा था। इसी दरम्यानी पत्थर का एक बड़ा हिस्सा उपर से टूट नीचे की ओर मजदूर पर गिरा। जिससे उसे गंभीर चोटें आई। मजदूर के दोनो जांघ टूट गए। घटना किसकी लापरवाही से हुई? यह स्पष्ट नहीं है। लेकिन इसके लिए खनन मापदंड में कमी व सुरक्षा में लापरवाही को माना जा रहा है।
कोयला खदानों में सुरक्षा नियमों की अनदेखी से लगातार दुर्घटनाएं हो रही है। कुछ महीने पहले एसईसीएल की इसी खदान में एक ठेका मजदूर घायल हो गया था। बीते सोमवार को झिलमिली खदान में पत्थर गिरने से यह घटना हुई है। इसमें ठेकेदार का मजदूर घायल हो गया। घटना कैसे हुई यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा लेकिन माइनिंग सरदार, ओवरमेन जैसे कनिष्ठ और इनके वरिष्ठ अधिकारी मामले से पल्ला झाड़ रहे हैं, इससे आने वाले दिनों में स्थिति और गंभीर होगी। इस घटना को छिपाने के लिए प्रबंधन की ओर से पूरी कोशिश की जा रही है। इस मामले पर पांडवपारा झिलमिली सहक्षेत्र के प्रबंधक आरपी मिश्रा के नंबर पर कई बार कॉल व मैसेज किया गया लेकिन उन्हें काल रिसीव नहीं किया जिससे उनका पक्ष नहीं लिया जा सका। फिलहाल इस मामले में सभी मौन है।