दुर्ग। जिले में कुल 1505 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है, जिनमें दर्ज हितग्राहियों को शासन के निर्देशानुसार विभिन्न विभागीय योजनाओं से लाभांवित किया जा रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी विपिन जैन ने बताया कि वजन त्यौहार 2022 (माह अगस्त 2022) के अनुसार दुर्ग जिले में 0 से 06 वर्ष के बच्चों में कुपोषण का प्रतिशत 12.10 प्रतिशत है। जिले में आंगनबाड़ी केन्द्रों में दर्ज 0 से 06 वर्ष के बच्चों को शासन के निर्देशानुसार पूरक पोषण आहार कार्यक्रम के तहत रेडी टू ईंट फूड, नाश्ता व गर्म भोजन का प्रदाय नियमित रूप से किया जा रहा है। इसके तहत 03 से 06 वर्ष के बच्चों को प्रतिदिन आंगनबाड़ी केन्द्रों में शासन की ओर से वर्तमान में निर्धारित मेन्यू (02 छोटी रोटी, चांवल, दाल, सब्जी) के अनुरूप स्थानीय महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से प्रदत्त भोजन सामग्रियों से गर्म भोजन प्रदान किया जाता है, (इसमें आचार, पापड़, सलाद, चटनी, दूध आदि का प्रावधान नहीं है)। वर्तमान में दुर्ग जिले में 03 से 06 वर्ष के 44635 बच्चे दर्ज हैं। जिनमें से आंगनबाड़ी केन्द्रों में नियमित रूप से उपस्थित होने वाले बच्चों को गर्म भोजन से लाभांवित किया जा रहा है। शासन के निर्देशानुसार जिले में 08 रु. प्रति बच्चा प्रतिदिन के मान से बच्चों को गर्म भोजन प्रदान किया जाता है। विगत वित्तीय वर्ष तक जिला स्तर पर उपलब्ध कराई गई स्थानीय निधि से चयनित कुपोषित बच्चों को अतिरिक्त पौष्टिक आहार के रूप में मोरेंगाबार, फल व दूध आदि प्रदान किया जाता था।
वर्तमान में कुपोषित बच्चों को शासन की ओर से प्रदत्त निर्देशानुसार सामान्य बच्चों की तुलना में अधिक मात्रा में रेडी टू ईंट फूड प्रदाय कर उन्हें अतिरिक्त प्रोटीन प्रदान किया जा रहा है। जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों में छत्तीसगढ़ राज्य बीज व कृषि विकास निगम के माध्यम से रेडी टू ईंट फूड व आटा नियमित रूप से प्रदान किया जा रहा है। 03 से 06 वर्ष के बच्चों को गर्म भोजन प्रदान करने के लिए राज्य शासन की ओर से 25 ग्राम की रोटी देने के निर्देश हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका के द्वारा बड़ी रोटी बनाने की स्थिति में बच्चों को निर्धारित मात्रा के अनुरूप रोटी तोड़कर भी दी जाती है। जिले में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराई गई राशि से मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत 01 से 03 वर्ष के चयनित 4220 कुपोषित बच्चों में से नियमित रूप से आंगनबाड़ी केन्द्रों में आने वाले कुपोषित बच्चों को ही अतिरिक्त पौष्टिक आहार के रूप में गर्म भोजन व 01 फल दिया जा रहा है। किसी आंगनबाड़ी केन्द्र में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत चयनित कुपोषित बच्चों को ही अन्य सामान्य बच्चों की तुलना में अतिरिक्त पौष्टिक आहार दिया जाता है। उल्लेखनीय है कि जिले में कुपोषित बच्चों को विभागीय पूरक पोषण आहार के साथ-साथ मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान व पोषण पुर्नवास केन्द्रों के माध्यम से लाभांवित किया जा रहा है। इन समस्त कार्यक्रमों व योजनाओं की नियमित निगरानी भी विभागीय अमले व जिला प्रशासन के माध्यम से की जाती है। इन समस्त प्रयासों का ही परिणाम है, कि जिले में वर्तमान में 0 से 06 वर्ष के बच्चों में कुपोषण का प्रतिशत 9.68 है। इस प्रकार विगत 01 वर्ष में ही कुपोषण के प्रतिशत में लगभग 2.42 की कमी आई है व जिले में 0 से 06 वर्ष के बच्चों में कुपोषण के प्रतिशत में निरंतर कमी हो रही है।