कांग्रेसी अपने कार्यालय को बनाएं चौपाटी, एजुकेशन हब बर्बाद न करें : राजेश मूणत
छग
रायपुर। चौपाटी हटाने की मांग को लेकर 28 लोगो का दल केंद्रीय शहरी आवास मंत्री हरदीप पूरी से मिलकर छत्तीसगढ़ वापस आ चुके है। पूर्व मंत्री राजेश मूणत के नेतृत्व में 26 लोगो का दल जिनमे सांसद सुनील सोनी, राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय , जिला अध्यक्ष जयंती भाई पटेल , निगम नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे सहित रायपुर नगर निगम के अन्य भाजपा पार्षद शामिल थे। राजेश मूणत ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि हमने केंद्रीय मंत्री और स्मार्ट सिटी के डायरेक्ट जितेंद्र मेहन से मुलाकात की उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि सभी नियमो सहित टैक्निकल ऑडिट भी किया जाएगा। यदि किसी प्रकार की गड़बड़ी पाई गई तो दोषियों पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी। प्राप्त जानकारी अनुसार राजधनी के लिए लगभग 1000 करोड़ रूपयो का आबंटन स्मार्टसिटी विभाग से किया गया है। लेकिन नगरनिगम अधिकारी और महापौर जन सुविधाओ हेतु आबंटित पैसों का बंदर बाँट कर रहे हैं। बंदर बाँट इसलिए क्योकि बताया कुछ और किया कुछ काम किया। उत्तर में बताया जा रहा दक्षिण का जैसी स्थिति है। 1000 करोड़ में से 200 करोड़ रायपुर के ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए खर्च किया गया। यदि हमने अपने शासनकाल में एक्सप्रेसवे और केनाल लिंकिंग जैसी भविष्य उपयोगी सड़क संचार नही स्थापित किए होते तो आज शहर में ट्रैफिक की क्या स्थिति होती यह किसी से छुपा नही है। कोई हमे बताए 1000 करोड़ का इंफ्रास्ट्रक्चर इस शहर में कहां दिखता है। 1000 करोड़ में ऐसा कौन सा कार्य किया जो चर्चा का विषय नही बना और जनसुविधा के लिए उपयोगी हो। मात्र सड़को और चौराहों में लाइटें लगाई, वो भी बन्द पड़ी है। मैंने पहले भी कहा कि आर्किटेक्ट के पात्र के ऊपर पूरी कहानी निर्मित की जा रही है। यूथ हब बनाएंगे कहकर वाले वीडियो जारी करने वाले महापौर के वीडियो में गुमठीयाँ नही दिखती। मगर वास्तविकता में तो यहाँ 69 गुमठियाँ स्थापित की गई है।
अधिकारियों ने भी कहा कि हमने इतनी गंभीरता से लड़ते। 10 वर्षों में किसी जनप्रतिनिधियों को अब तक नही देखा। हमने अपनी बात दस्तवेजों सहित स्मार्ट सिटी के डायरेक्टर सांसद सुनील सोनी और राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय की उपस्थिति में अपनी बातें रखी। चौपाटी निर्माण और सौंदर्यीकरण के नाम पर बूढ़ातालाब का उदाहरण हमारे सामने है। क्या दुर्गति कर दी गई बूढ़ातालाब क्षेत्र की। 9 करोड़ का फव्वारा एक बार बन्द हुआ तो आज तक चालू नही हुआ। 4 साल सत्ता के हो गए और 3 वर्ष महापौर के। पर कोई यह बताए कि प्रदेश के नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा कौन सा कार्य किया गया है। 18 करोड़ का टैंडर निकाला कहते हैं आदेश 2018 का। मगर सबूत के तौर पर मात्र एक प्रस्ताव पत्र के आधार पर आरोप प्रत्यारोप। हमने यदि पारित किया तो स्थल निरिक्षिण करते। कोई तस्वीर वीडियो या आदेश पारित करने की कॉपी कुछ तो सामने लाएं। कांग्रेसियो को चौपाटीयाँ बनाने का इतना ही शौक है तो कांग्रेस कार्यालय को चौपाटी बना दें। लेकिन हम एजुकेशन हब में चौपाटी नही बनने देंगे। यह हमारा संकल्प है। अगर सत्ता का दुरुपयोग कर बल प्रयोग से चौपाटी बन भी जाए तो यह राजेश मूणत का दावा की सरकार बदलते ही अवैध चौपाटी को उखाड़ फेकेंगे। छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नही होने दूँगा। मैं कल धरने से उठ जाऊँगा, आप बस इतना कह दीजिए कि यहाँ चौपाटी नही बनाएंगे। छात्र हित में यहाँ केवल एजुकेशन संबंधित निर्माण ही किया जाएगा। चौपाटी हटाओ की मांग को लेकर पूर्व मंत्री राजेश मूणत के साथ भाजपा जिला अध्यक्ष जयंती भाई पटेल , नगर निगम नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे , प्रफुल्ल विश्वकर्मा, उप नेता प्रतिपक्ष निगम मनोज वर्मा, सूर्यकांत राठौड, मृत्युंजय दुबे, दीपक जयसवाल, सीमा संतोष साहू, भोला साहू, रजियन्त ध्रुव, विनोद अग्रवाल, प्रमोद साहू, कामिनी देवांगन, सरिता दुबे, सरिता वर्मा, नारद कौशल, रोहित साहू, गोदावरी साहू, सुशीला धीवर, कमलेश वर्मा, रवि ध्रुव, राजेश ठाकुर, तिलक पटेल, सुनील चंद्राकर, चंद्रपाल धनगर चौपाटी निर्माण के विरोध में केंद्रीय मंत्री से शिकायत करने दिल्ली पहुँचे थे।