चेंबर चुुनाव से दूर रहेगी कांग्रेस, पीसीसी चीफ मोहन मरकाम का दो टूक
दो बड़े पैनलों की आज प्रेस कांफ्रेंस, खुलेंगे पत्ते
व्यापारियों की प्रतिष्ठा दांव पर,धमकी-चमकी, धनबल और बाहुबल का प्रयोग साफ नजर आ रहा
जगह-जगह जाकर नया व्यापारी पेनल जय व्यापार पेनल के तथाकथित नेता भरम फैला रहे कि कांग्रेस पार्टी ने सपोर्ट किया है और मुख्यमंत्री का जय व्यापार पेनल है
यहां तक हिम्मत हो गई कि पूरे छत्तीसगढ़ में कांगरेस की छवि धूमिल करने के लिए किसी हद तक इस पेनल के नेतागण जाने में कोताही नहीं बरत रहे है
रायपुर (जसेरि)। सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस ने चेंबर चुनाव से अपने आप को अलग कर लिया है। पीसीसीअध्यक्ष मोहन मरकाम ने साफ तौर पर कह दिया है कि जिसकी मर्जी हो चुनाव लड़े, सभी स्वतंत्र है अपने निर्णय के लिए, चेंबर चुनाव में कांग्रेस का किसी तरह कोई हस्तक्षेप नहीं रहेगा है। इस बयान के बाद कांगरेस से जुड़े कारोबारी नेता अब सीधे चेंबर की ओर रूख कर संगठन के चुनाव में सक्रिय हो गए है। वहीं जिला भाजपा अध्यक्ष श्रीचंद्र सुंदरानी के संयोजकत्व में भाजपा ने पूरी तरह चेंबर में अपना होल्ड बनाए रखने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लग ारही है। चेंबर अध्यक्ष प्रत्याशी की घोषणा के साथ आज होने वाली बैठक में कोषाध्यक्ष, महासचिव, सचिव, उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशियों की घोषणा कर सकती है। नेता में गहमागहमी के साथ चुनावी रस्साकशीं शुरू हो गई है। एकता पेनल और जय व्यापार पेनल की आज प्रत्याशी घोषणा के साथ घोषणा पत्र जारी करने के लिए विशेष बैठक बुलाई गई है। दिवाली के बहाने बैठक में रणनीति तैयार होगी। चेंबर चुनाव को लेकर पिछले एक महीने से जो फिल्डिंग चल रही है अब और रफ्तार पकडऩे वाली है। जिसमें साम,दाम, दंड,भेद की रणनीति के तहत कुछ भी हो सकता है। चुनाव में व्यापारियों की ताकत किसी से छुपी नहीं है, जो लोग खुले मन से लोकसभा और विधानसभा चुनाव में जी भरकर खर्च करते है भला वे अपने संगठन के चुनाव कैसे चुप रह सकते है। दोनों पेनल के प्रत्याशियों की घोषणा के साथ चुनाव जीतने के लिए व्यापारियों की प्रतिष्ठा और वर्चस्व दांव पर लग जाएगी उसे हर हाल में बचाने के लिए धमकी-चमकी के साथ धनबल और बाहुबल का प्रयोग करने से गुरेज नहीं करेंगे।
व्यापारी एकता पैनल का मास्क एवं दीप बांटकर चुनाव जीतने की कवायद : दिवाली पर्व पर छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कामर्स ने जयस्तंभ चौक पर दिया और मास्क का वितरण किया। इस मौके पर व्यापारी एकता पेनल के अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी, चेम्बर के अध्यक्ष प्रत्याशी योगेश अग्रवाल, व्यापारी एकता पेनल के प्रवक्ता ललित जैसिंघ ,जितेंद्र बरलोटा ,विनय बजाज, लालचंद गुलवानी, प्रकाश अग्रवाल ,अरविंद जैन राजेश वासवानी, अमर बंसल, सुदेश मध्यान ,जय नानवानी ,सतीश बगड़ी ,राजकुमार राठी ,गौरव मँधानी ,मनोज पंजवानी ,अमरजीत छाबरा ,दिना डोंगरे ,मोहन होतवानी विरेंद्र वालिया ,दिव्यम अग्रवाल ,विकी टेकवानी, अनूप मसंद ,हरी तलरेजा, अमित अग्रवाल, आयुष मुरारका, जयराम तलरेजा,रुचिर खेमका और जुगनू भाई समेत सभी सदस्य मौजूद थे।
गहमागहमी तेज, रोज बन रहे नए-नए समीकरण : चेम्बर आफ कामर्स की आसन्न चुनाव के लिए गहमागहमी तेज हो गई है और रोज नए-नए समीकरण बन रहे हैं। व्यापारी एकता पैनल ने अध्यक्ष उम्मीदवार की घोषणा कर अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। वहीं कैट के चेंबर चुनाव में कूदने से चुनाव में उठापटक और रोमांच बढऩ़े के आसार थे। उसने जय व्यापार पैनल बनाकर चुनाव लडऩ़े का ऐलान भी किया है। कैट के अध्यक्ष पद के संभावित उम्मीदवार अमर परवानी लगातार शहर-शहर घुम कर व्यापारी संगठनों से समर्थन भी मांग रहे हैं लेकिन अब खबर है कि उम्मीदवारों के चयन के लिए बनाई गई पंच कमेटी में ही फूट पड़ गया है और उसके दस में से पांच सदस्य बैठकों में शामिल नहीं हो रहे हैं। इसके कारण पैनल के उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया लटकते जा रही है। चुनाव से पहले ही जय व्यापार पैनल में दरार पडऩ़़े से सिर मुंडाते ही ओले पडऩ़़े वाली कहावत चरितार्थ होते दिख रही है। कैट जिस तत्परता और सक्रियता के साथ चेंबर चुनाव के लिए मैदान में उतरने का निर्णय लिया था उससे व्यापारी एकता पैनल को कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद जताई जा रही है लेकिन पंच कमेटी में टूट से इसके आसार कम नजर आ रहे हैं। ज्ञात रहे कि कैट आरएसएस की एक समर्पित संस्था के रूप में देखा जाता है. जिसमें नितिन गडकरी ने अपनी पूरी ताकत लगाकर पूरे भारत में स्थापित किया था। अब देखना ये है छत्तीसगढ़ में कांग्रेस समर्पित व्यापारी नेतागण जय व्यापार पैनल के साथ अपना पैनल छोड़कर कैसे जाते है. आने वाले दिनों में चेंबर का चुनावी घमासान और बढ़ जाएगा।
एक पैनल पैदा हो गया जो सिंधी समाज का ठेकेदार बनने का दावा भी कर रहा है, चेंबर चुनाव को जाति में उलझा कर मत विभाजन रोकने हेतु सामाजिक फरमान जारी कर रहा है इसे अब छत्तीसगढ़ चेंबर चुनाव जाति के आाधार पर व्यापारियों के आपसी घमासान बढऩे की आशंका, जनता से रिश्ता शुरु से ही चेंबर चुनाव को ले कर शंका-कुशंका को प्रमुखता से प्रकाशित कर रहा है
चुनाव को लेकर दोनों पेनल के पदाधिकारी व्यापारियों के घर और दुकान में सुआ नाचने निकल गए है।
जय व्यापार पेनल में अभी तक अन्य प्रत्यासियों की घोषणा नहीं होने से लगाए जा रहे है तरह-तरह के कयास
सुंदरानी के नेतृत्व में योगेश की नैया पार होगी या डूब जाएंगे, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन नेतृत्वकर्ता सुंदरानी विधानसभा में अपनी सीट नहीं बचा पाए जिसके लिए भाजपा ने उन्हें पुरस्कृत कर जिला अध्यक्ष बनाया है, ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव में दमदारी से उस समय हुई कमी को दूर कर नई पारी की शुरूआत धमाके से कर सके। पहले चेंबर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे, अब चुनाव जीताकर विदानसभा जाने का रास्ता निकाल रहे है।
ठ्ठ चेंबर में अब तक भाजपा समर्थित ही काबिज रहे है। कांग्रेस से जुड़े व्यापारियों ने सरकार बदलने के बाद से उम्मीद लगाया था कि कांग्रेस की सरकार बनने से सीधे चेंबर चुनाव में दखल देगी, लेकिन पीसीसी अध्यक्ष मरकाम ने उनके अरमानों पर यह कह कर पानी फेर दिया कि कांग्रेस सीधे तौर पर चेंबर चुनाव में शामिल नहीं होगी, लेकिन यदि कांग्रेस से जुड़े व्यापारी नेता चुनाव लड़ता है तो कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी।